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पोते के अपहरण और हत्या की धमकी देकर दादा से 10 लाख ठगे, कोर्ट ने थाने से की रिपोर्ट तलब - kidnapping

जोधपुर में एक व्यापारी को पोते के अपहरण की धमकी देकर बदमाशों ने 10 लाख रुपए (10 lakh cheated in Jodhpur) ठग लिए. इस प्रकरण में केस नहीं दर्ज करने पर कोर्ट ने डांगियावास थाने से रिपोर्ट तलब की है.

Jodhpur news, 10 lakh cheated in Jodhpur
जोधपुर में व्यापारी से 10 लाख की ठगी

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Published : Aug 2, 2021, 3:58 PM IST

जोधपुर. शहर के भदवासिया कृषि मंडी के एक व्यापारी को उसके पोते के अपहरण (kidnapping) व हत्या (murder) की धमकी देकर उसे से 10 लाख रुपए ठगने (10 lakh cheated from Jodhpur businessman) का मामला सामने आया है. व्यापारी की ओर से पुलिस थाने में रिपोर्ट देने के बावजूद रिपोर्ट नहीं दर्ज नहीं की गई. जिसके बाद कोर्ट ने आदेश जारी कर इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट डांगियावास थाने से तलब की है.

कृषि मंडी व्यापारी मुरलीधर डागा नागोरी गेट राम मोहल्ला निवासी है. उनके पास 26 जून को आशीष नामक युवक का कॉल आया. जिसने उनसे 10 लाख रुपए मांगे तो डागा ने पूछा किस बात के 10 लाख. इस पर आरोपी युवक ने कहा कि अगर रुपए नहीं दिए तो तुम्हारा पोते प्रज्जलव को उठा ले जाएंगे और हत्या कर देंगे. मुरलीधर डागा ने इस फोन को गंभीरता से नहीं लिया. अगले दिन फिर फोन आया और कहा कि अगर समय रहते राशि नहीं दी तो और ज्यादा रुपए देने पड़ेंगे. इस पर घबराए मुरलीधर ने रुपए की व्यवस्था करने के लिए समय मांगा.

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10 दिन बाद 6 जुलाई को फिर आशीष का फोन आया और उसने कहा कि दस लाख दीमापुर भिजवा दो नहीं तो आज ही अपहरण हो जाएगा. इस पर मुरलीधर ने अपनी दुकान के मुनीम गजराज शर्मा से बात कर 10 लाख दिमापुर भेजने की व्यवस्था करने का कहा. इस पर गजराज शर्मा ने कहा कि उसका एक परिचित नानू है. वह दीमापुर में रुपए दिलवा सकता है.

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इसके बाद मुरलीधर 10 लाख रुपए लेकर गजराज शर्मा के गांव सालवा कला गया. वहां पर नानू को 10 लाख दिए और आशीष की ओर से दीमापुर में संदीप नामक व्यक्ति का फोन नंबर दिया गया था. उससे संपर्क कर यह राशि हवाला के जरिए दिलवाई गई. जिसके बाद संदीप और आशीष ने अपने फोन बंद कर लिए. बदमाशों की ओर से कोई संपर्क नहीं होने पर मूरलीधर डागा ने डांगियावास थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट दी लेकिन पुलिस ने न्यायालय में जाने का कहा.

पीड़ित डागा की ओर से पुलिस कमिश्नर कार्यालय को भी शिकायत भेजी गई लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ तो न्यायालय में परिवाद पेश किया गया. जिस पर न्यायालय ने डांगियावास थाने को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए हैं.

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