झुंझनू. जिले से करीब 30 किलोमीटर स्थित चिड़ावा एक ऐसा शहर है जिसको शिवनगरी के नाम से भी पुकारा जाता है. चिड़ावा के पेड़े पूरे देश में विख्यात हैं लेकिन चिड़ावा हमेशा ही शिव भक्ती और आस्था का अटूट मिसाल भी माना जाता रहा है. चिड़ावा प्राचीनकाल से ही साधुसंतो की तपोस्थली रही है. पौराणिक मान्यता के अनुसार चिड़ावा के नगर देव पंडित गणेशनारायण बावलिया बाबा ने चिड़ावा को शिवनगरी के नाम से पुकारा. जिसके बाद से ही चिड़ावा को शिव नगरी के नाम से जाना जाने लगा.
सावन मास में शिवमय हो जाता है चिड़ावा
सावन मास में शिवनगरी चिड़ावा में अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. वैसे तो देशभर में सावन मास के दौरान भगवान शिव की आराधना की जाती है लेकिन चिड़ावा के प्राचीन शिव मंदिर और उनसे जुड़ी भक्तों की आस्था चिड़ावा को अलग पहचान देता है. आखिर चिड़ावा को शिव नगरी क्यों कहा गया! बता दें कि चिड़ावा हमेशा से ही साधुसंतो के लिए तप और ध्यान लगाने के लिए पहली पसंद रही है.