झुंझुनू. दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर अलग-अलग जगह से लगातार समर्थन मिल रहा है. इस दौरान कई समुदाय भी उनके समर्थन में आगे आ रहे हैं. इसी में एक नाम रोड़वेज कर्मचारियों की यूनियन का भी जुड़ गया है. कृषि कानूनों के विरोध में रोड़वेज कर्मचारी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए गुरुवार को बस स्टैंड पर प्रदर्शन किया.
झुंझुनू में कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन एक माह से क्यों नहीं हो रही सुनवाई
सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष गजराज कटेवा ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान 1 माह से अधिक समय से सड़कों पर डटे हुए हैं. लेकिन केंद्र सरकार इनकी सुनवाई नहीं कर रही है. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में संसद में अध्यादेश ला कर इस काला कानून को किसानों पर थोप दिया है. इस कानून से कॉरपोरेट घराने को फायदा होगा ना की किसानों को.
इस दौरान सुरेंद्र सिंह, सुभाष डोटासरा, अब्दुल सत्तार, ईश्वर पुनिया, ओमप्रकाश जाट सहित अन्य वक्ताओं ने भी केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि कृषि प्रधान देश के किसानों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. सरकार को किसान नेताओं से वार्ता कर समस्या का हल निकालने की पहल करनी चाहिए.
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किसान आंदोलन में राजनीतिक रोटियां सेक रहे लोग- श्याम जाजू
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू गुरुवार को झुंझुनू में रानी सती मंदिर में दादी मां के दर्शन के लिए पहुंचे. दर्शन के बाद श्याम जाजू ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आज देश में जो किसान आंदोलन किया जा रहा है उसमें कई लोग राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं.