राजस्थान

rajasthan

By

Published : Sep 3, 2019, 4:38 PM IST

ETV Bharat / state

रंगरूट पहले फौजी होते थे...लेकिन अब झुंझुनू में बदल गई इसकी परिभाषा

झुंझुनू के  शेखावाटी में रंगरूट कभी सम्मान का नाम होता था, क्योंकि फौजी कटिंग के साथ छुट्टी पर अपने बिंटे के साथ लौटते लोगों को रंगरूट कहा जाता था. लेकिन अब गैंग में भर्ती लोगों को रंगरूट का नाम दिया जा रहा है.

शेखावाटी में रंगरूट, झुंझुनू के शेखावाटी में रंगरूट, शेखावाटी सट्टेबाजी गैंगवार झुंझुनू की खबर , झुंझुनू शेखावाटी की खबर Recruit in Shekhawati, Jhunjhunu recruitment in Shekhawati, news of Jhunjhunu betting Shekhawati betting, news of Jhunjhunu Shekhawati

झुंझुनू. उद्योग धंधे तो कभी थे ही नहीं, अब खेती भी बर्बाद हो गई है. पहले बेरोजगार गल्फ में चले जाते थे, लेकिन खाड़ी देशों में कमाई रही नहीं तो अब यहां युवा सट्टेबाजी, सूदखोरी और गैंगवार के मिक्सर में पिस रहा है. गत 10 दिनों में खुलेआम दो बार फायरिंग हो चुकी है. इसके साथ ही अवैध शराब की तस्करी में आता पैसा ललचा रहा है. जिसमें युवा हाथों में हथियार लेकर मौत के मुंह में जाते नजर आ रहे हैं.

शेखावाटी में रंगरूट का आतंक

वहीं दोनों ओर से हुई फायरिंग में मदिया गैंग और लॉरेंस विश्नोई की गैंग के नाम सामने आ रहे हैं. वैसे तो दोनों गैंग के मुखिया जेल में है.लेकिन वहीं से सारा कारोबार नए रंगरूटों के सहारे चला रहे हैं.वैसे तो शेखावाटी में सेना में जाने की परंपरा रही है और वहां नए भर्ती सैनिक को रंगरूट कहा जाता है, लेकिन अब गैंगों ने नए भर्ती सदस्यों को यही नाम देना शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ेंः पारिवारिक विवाद में पिस रही छात्रा की पढ़ाई, विवाद पहुंचा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय

इस तरह से चलता है सारा खेल
दरअसल इस धंधे में अभी सट्टेबाजी का खेल जोरों पर है. जिस युवक पर 3 दिन पहले फायरिंग हुई उसके साथी का नाम सट्टेबाजी को लेकर कई केस दर्ज हैं. अब जब लोग सट्टेबाजी में पैसा हार जाते हैं तो उनको धमकाने को लेकर गैंग के मुखिया से फोन करवाया जाता है. ऐसे में या तो पैसा आ जाता है, नहीं तो सूदखोरी का अध्याय शुरू होता है. स्टांप पेपर पर 10 प्रतिशत की दर से ब्याज पर पैसा लिखवा लिया जाता है. वहीं कई बार तो दर 20 प्रतिशत तक होती है. इसमें यदि पीड़ित दूसरे गैंग की शरण में चला जाता है, तो फायरिंग और धमकाने का सिलसिला शुरू होता है. 3 दिन पहले फाइनेंस कंपनी के दफ्तर पर इसी सूदखोरी को लेकर फायरिंग होना बताया जा रहा है.

पुलिस की नहीं है जरूरत
15 दिन पहले जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर आबूसर में जिस फाइनेंस कंपनी पर फायर हुआ। उसकी दूसरी गैंग के लोगों से झड़प हुई और गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए ,लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. फायरिंग के भी 24 घंटे तक रिपोर्ट पुलिस को नहीं दी गई. बाद में जब पुलिस ने धमकी दी कि वह खुद अपने स्तर पर मुकदमा दर्ज करेंगे और दोनों पक्षों को आरोपी बनाएंगे तो एफआईआर दी गई.

जेतपुरा की हत्या के बाद लॉरेंस विश्नोई गैंग की धमक
लॉरेंस विश्नोई गैंग की धमक भी अब झुंझुनू में सुनाई दी जाने लगी है. हरियाणा की इस गैंग की धमक झुंझुनू के निकटवर्ती चूरू के राजगढ़ शहर तक ही थी. यहां पर अजय जैतपुरा और लॉरेंस की गैंग के बीच टक्कर रहती थी. बाद में जेतपुरा की न्यायालय परिसर में की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद लॉरेंस की गैंग हावी हो गई और अब राजगढ़ में दबदबे के बाद झुंझुनूं की ओर भी रुख कर दिया है.
जेतपुरा हत्याकांड के लोग झुंझुनू जेल में है और इसलिए यहां कई बार फील्डिंग सेट करने का प्रयास किया गया है. जिला पुलिस ने 3 माह पहले हथियारों के साथ गैंग के गुर्गों को पकड़ा था, जिसकी पेशी के दौरान ही हत्या करने की फिराक में थे. अब पुलिस के लिए यह बड़ी परेशानी का कारण है की गैंगवार के बीच सूदखोरी और सट्टेबाजी ने भी पैठ बना ली है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details