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ऐतिहासिक काला भुजा बांध में 10 साल बाद आया पानी, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते हो रहा रिसाव

झुंझुनू में सैकड़ों साल पुराने और करीब 36 गांवों की प्यास बुझाने वाले ऐतिहासिक काला भुजा बांध में भारी बारिश के चलते करीब 10 साल बाद पानी की आवक हुई है. ऐसे में प्रशासन की लापरवाही के चलते रिसाव होकर पानी निकलने लगा है. आलम यह है कि करीब दो से तीन फुट पानी बांध में बचा है.

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Published : Jul 27, 2019, 5:50 PM IST

करीब 10 साल बाद काला भुजा बांध में आया पानी

खेतड़ी (झुंझुनू). बरसात का पानी जब बांध में आया तो ग्रामीणों और किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई. क्योंकि इससे क्षेत्र का जलस्तर ऊपर आएगा और फसल भी अच्छी होगी. लेकिन जैसे ही पानी की आवक शुरू हुई तो बांध से पानी का रिसाव होने लगा. ग्रामीण बांध के पास एकत्रित होकर प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किए तो अधिकारियों ने कहा कि थोड़ी देर में आ रहे हैं. लेकिन किसी ने बांध की सुध नहीं ली.

करीब 10 साल बाद काला भुजा बांध में आया पानी

ग्रामीण लगातार उपखंड अधिकारी जलदाय विभाग तथा अन्य अधिकारियों को फोन करते रहे. अधिकारियों को फोन करने के ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. लेकिन कोई नहीं आया, देखते ही देखते रात होने लगी तो ग्रामीणों ने मिट्टी के कट्टे भरकर रिसाव वाली जगह पर डालकर पानी को रोकने का प्रयास किया. वहीं शनिवार सुबह पपुरना सरपंच नीतू जोनवाल के प्रतिनिधि कालूराम मौके पर पहुंचे. उन्होंने पंचायत की तरफ से ग्रामीणों की मदद लेकर जेसीबी चलाकर पानी को रोकने का प्रयास किया.

सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने लिया बांध का जायजा
घटना की सूचना पर सिंचाई विभाग सीकर के कर्मचारी पंप चालक ताराचंद, बेलदार श्रीराम मौके पर पहुंचे और पूरे मामले का जायजा लिया. पंप चालक ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि बांध से पानी का रिसाव की सूचना मिली थी. पूरी जांचकर इसे रोकने का प्रयास किया जाएगा. पानी के बहाव को रोकने के लिए एक दरवाजा लगा हुआ था. उसे अज्ञात चोर चुरा ले गए. उच्च अधिकारियों को सूचित कर नया दरवाजा लगाया जाएगा.

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वहीं ग्रामीणों ने बताया कि सैकड़ों साल पहले यह बांध क्षेत्र के पपुरना, गाडराटा, बबाई, सेफरागुवार, नपावली, चिंचड़ोली, प्रतापपुरा, काली पहाड़ी कांकरिया, बडलवास और हरडिया सहित 36 गांवों की प्यास बुझाता था. इस मौके पर छात्र संघ अध्यक्ष निरंजन लाल सैनी, दुर्गा प्रसाद, अशोक कुमार सैनी, योगेश शास्त्री, बनवारीलाल, दुर्गा प्रसाद, मोहनलाल, प्रवीण कुमार, विजयपाल, शंकरलाल, दिलीप, भोला राम और कालू गुर्जर सहित कई लोग मौजूद रहे.

खनन माफिया ही काला भुजा बांध के बने हुए हैं दुश्मन
काला भुजा बांध के आसपास खनन धड़ल्ले से हो रहा है. खनन के धमाकों से बांधों में दरारें भी आ चुकीं हैं. खनन माफिया नहीं चाहते कि यह बांध पानी से भरे. ग्रामीणों ने बताया कि बांध में पानी भरेगा तो खनन वाली गहरी खानों में भी पानी भरेगा, जिससे इनका खनन कार्य रुकेगा. उससे यह नहीं चाहते कि बांध में पानी भरे. लेकिन अगर बांध में पानी आता है तो आसपास के कई गांवों को पानी की समस्या से राहत मिल सकती है. पानी का जलस्तर भी ऊपर आएगा, जिससे फसलों को सिंचाई और पीने के लिए पानी मिल सकता है.

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