राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Special : कृषि विज्ञान केंद्र का यह प्रयोग शेखावाटी में लाएगा फसल क्रांति... जानिए

स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर ने एक नया प्रयोग करते हुए फसल म्यूजियम तैयार किया है, जो शेखावाटी में फसल क्रांति ला सकता है.

झुंझुनू की खबर, jhunjhunu news, News of Jhunjhunu crop, झुंझुनू के फसल की खबर
फसल म्यूजियम से मिलेगी मदद

By

Published : Feb 9, 2020, 3:33 PM IST

झुंझुनू. फसल के मामले में हर किसान की अपनी प्राथमिकता होती है. उसे चारे के लिए फसल मिले, ज्यादा से ज्यादा बीज का उत्पादन हो या दोनों ही बराबर स्थिति में मिले. अब उसे बाजार में उपलब्ध बीज से पता ही नहीं चल पाता है, कि किस किस्म से कौन सा उत्पादन मिलेगा. इसके अलावा यह भी पता नहीं रहता, कि शेखावाटी की जलवायु और भूमि की किस्मों में कौन सा बीज सही रहेगा. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर में कई फसलों के अलग-अलग बीजों का लाइव डेमो तैयार किया गया है. इसको फसल म्यूजियम का नाम दिया गया है.

फसल म्यूजियम से मिलेगी मदद

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की देखरेख में चना, जौ, गेहूं, सरसों, प्याज फसलों की क्यारियां तैयार की गईं है. इसमें चने के पांच अलग-अलग किस्म के बीजों से फसल तैयार की गई है. किसान आकर देख सकते हैं, कि किस किस्म के बीज से कितना जल्दी उत्पादन मिल सकता है, किस बीज से फसल जल्दी तैयार हो सकती है, किस बीज से उसे पशुओं के लिए चारा ज्यादा मिलेगा या यदि वह किसान पशु नहीं रखता है तो किस बीज से उसे उत्पादन ज्यादा मिलेगा.

लाइव डेमो में साफ दिख रहा है, कि कुछ किस्म के बीजों की वृद्धि कम हुई है तो कुछ को यहां की जलवायु का पूरा साथ मिला है. उनमें पूरी वृद्धि दिख रही है.

पढ़ेंः झुंझुनू : जैव विविधता के लिए NGT सख्त, जिले में भी इस हफ्ते गठित होंगी समितियां

यह फसल म्यूजियम कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर के वैज्ञानिकों की देखरेख में किया गया है. ऐसे में जो भी किसान यहां आएगे उनको लाइव डेमो दिखाने के साथ-साथ यहां के वैज्ञानिक सलाह भी देंगे. उसमें किसान अपनी यदि मृदा परीक्षण की रिपोर्ट लेकर आते हैं तो कृषि वैज्ञानिकों का मानना है, कि उनकी सलाह 100 फीसदी काम करेगी.

मृदा परीक्षण की रिपोर्ट नहीं होने पर परिणाम कुछ अलग भी आ सकते हैं, क्योंकि वैज्ञानिकों ने यहां पर जो क्यारी तैयार की हैं, उनमें भूमि के क्या-क्या तत्व शामिल रहे हैं और संबंधित किसान की भूमि में क्या तत्व उपलब्ध हैं और नहीं होने पर वैज्ञानिक उनको विकल्प के बारे में भी बताएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details