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झुंझुनूः जिला कलेक्टर ने महिलाओं को दी हिमोग्लोबिन बढ़ाने की जानकारी, सब्जियों के बांटे गए बीज - झुंझुनू की खबर

कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर के महिला शक्ति केन्द्र में एनीमिया मुक्त झुंझुनू अभियान के तहत महिलाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में महिलाओं और बालिकाओं में हीमोग्लोबिन बढ़ाने को लेकर जिला कलेक्टर की ओर से जानकारी दी गई.

एनीमिया मुक्त झुंझुनू अभियान, Anemia free jhunjhunu campaign
जिला कलेक्टर ने महिलाओं को दी हिमोग्लोबिन बढ़ाने की जानकारी

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Published : Jan 30, 2021, 10:58 PM IST

झुंझुनू. कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर के महिला शक्ति केन्द्र में एनीमिया मुक्त झुंझुनू अभियान के तहत महिलाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में महिलाओं और बालिकाओं में हीमोग्लोबिन बढ़ाने को लेकर जागरूकता कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर खान ने कहा कि जिले की महिलाओं में हीमोग्लोबित की कमी होने के कारण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एनीमिया मुक्त झुंझुनू शुरू किया गया हैं.

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कार्यशाला में आई महिलाओं से कलेक्टर खान ने हीमोग्लोबिन के बारे में जानकारी लेते हुए कहा कि महिलाएं अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें, इस बीमारी का ईलाज संभव हैं, जिसके लिए आयरन की गोली लेना एक जरूरी हैं, लेकिन महिलाएं प्राकृतिक तरिके से अपने खान-पान को भी बदलते हुए खाना लोहे, लकड़ी और मिट्टी के बर्तन में बनाना शुरू करें, जिससे प्राकृतिक तत्व भी शरीर के अंदर जाएंगे

हीमोग्लोबिन की पूर्ति के लिए लोहे-मिट्टी के बर्तनों का उपयोग है कारगर उपाए

कार्यशाला में जिला कलेक्टर ने घरेलू महिलाओं को एल्यूमिनियम के बर्तनों को किचन से निकालने और उनके स्थान पर लोहे और मिट्टी के बर्तनों पर खाना बनाने का प्रण लेने की सलाह दी.

घर-आंगन में तैयार सब्जियों को दे महत्व

जिला कलेक्टर ने कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से आयोजित कार्यशाला में सभी महिलाओं को सब्जियों के बीज के कीट देते हुए कहा कि सभी महिलाएं अपने घर आंगन में सब्जियां उगाएं और वे उसका सेवन करें. साथ ही प्राकृतिक तरीके से बनी हुई सब्जियां पकाएं और खाएं.

कार्यशाला में महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला ने बताया कि महिला अधिकारिता विभाग की आयुक्त रशिमी गुप्ता की प्रेरणा और जिला कलेक्टर उमरदीन खान के निर्देशानुसार महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए एनीमिया मुक्त झुंझुनू अभियान शुरू किया गया है.

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जिसका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आबूसर ग्राम पंचायत से इसका शुभारंभ कर ग्राम पंचायत की महिलाओं और बालिकाओं में हीमोग्लोबिन की जांच की गई थी. यहां महिलाओं और बच्चों के खून में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई. न्यौला ने कहा कि महिलाएं जैविक कृषि करते हुए अपने घरों में किचन गार्डन लगाएं, जहां बगैर यूरियां के सब्जियां उगाकर उनका इस्तेमाल करें, सर्वप्रथम अपने घरों से ही इसकी शुरुआत करें.

इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक वीजेंद्र सिंह राठौड़, आरआर अस्पताल निदेशक राजेश रेवाड़ ने भी महिलाओं को हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए अनेक उपाय और आवश्यक जानकारी दी. इस अवसर पर केवीके प्रभारी डॉ. दयानंद यादव एनीमिया और जैविक कृषि, आरसीएचओ डॉ.दयानंद की ओर से एनीमिया के चिकित्सकीय पहलू, डॉ. रशीद खान की ओर से एनीमिया और कीचन गार्डन के बारे में जानकारी दी गई. अंत में सीडीपीओ ज्योति रेपस्वाल ने कार्यशाला में घन्यवाद ज्ञापित किया.

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