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जालोर: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बना सरपंच, शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई - santhu gram panchayat

जालोर पंचायत समिति के सांथू ग्राम पंचायत में हाल में हुए पंचायती राज चुनावों में एक प्रत्याशी मांगीलाल देवासी ने तथ्य छुपाकर नामांकन दाखिल किया और सरपंच बन गया. इस मामले में अब ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें आरोप लगाया कि मांगीलाल के चार बच्चे साल 1995 के बाद के हैं. लेकिन फिर भी कूटरचित दस्तावेज के जरिये सरपंच बन गया और शिकायत के बावजूद जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

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शिकायत के बावजूद नहीं हुई कोई कार्रवाई

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Published : Aug 8, 2020, 10:59 PM IST

जालोर.दिसंबर और जनवरी महीने में पंचायती राज के चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें जालोर पंचायत समिति के क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में भी चुनाव करवाए गए थे. इसी पंचायत समिति के सांथू ग्राम पंचायत में एक प्रत्याशी मांगीलाल देवासी ने भी कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करके चुनाव लड़ा और सरपंच चुनाव भी जीत गया. ऐसे में अब सरपंच को अयोग्य घोषित करने के लिए ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से लेकर चुनाव आयोग तक को शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

शिकायत के बावजूद नहीं हुई कोई कार्रवाई

ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव लड़ने के लिए बनाए गए पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 19 के तहत सन 1995 के बाद में दो से ज्यादा संतान वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है. लेकिन सांथू के सरपंच मांगीलाल देवासी ने नियमों को धत्ता बताते हुए साल 1995 के बाद की चार संतान होने के बावजूद कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नामांकन करके चुनाव लड़ा और चुनाव जीत लिया.

ऐसे में ग्रामीणों ने सरपंच मांगीलाल की शिकायत चुनाव आयोग, संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को करके तथ्य छुपाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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सांथू सरपंच के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों को लेकर की शिकायत में ग्रामीणों ने उनका राशन कार्ड और भामाशाह कार्ड की कॉपी लगाई है, जिसमें साफतौर पर 6 सदस्यों के नाम लिखे हुए हैं. इसमें भामाशाह कार्ड में सबसे पहले मांगी देवी पत्नी, मंजू, कांता पुत्री और मांगीलाल स्वयं, सुरेश और मनीष का नाम शामिल है, जिससे साफ है कि उनके राशन कार्ड व भामाशाह कार्ड में पहले चार नाम थे. लेकिन कूटरचित दस्तावेजों में दो बच्चे दिखाकर चुनाव लड़ा है.

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