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टूटी सड़क के बावजूद टोल वसूलने पर ग्रेनाइट एसोसिएशन नाराज, अनिश्चितकालीन धरना के साथ बंद कराया टोल

जालोर में गुरुवार को ग्रेनाइट फैक्ट्री के मालिकों ने क्षतिग्रस्त सड़कों को लेकर विरोध जताया. उनका कहना है कि सड़कों के टूटे होने के बाद भी टोल वसूला जा रहा है, जिसे बंद किया जाए. अपनी मांगों को लेकर ग्रेनाइट फैक्ट्री मालिकों ने टोल बंद करवाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.

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टोल वसूलने से नाराज ग्रेनाइट एसोसिएशन ने किया अनिश्चितकालीन धरना

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Published : Dec 17, 2020, 10:29 PM IST

जालोर. राजस्थान ग्रेनाइट माइनिंग एसोशिएशन के बैनर तले गुरुवार को सैंकड़ों ग्रेनाइट फैक्ट्री मालिकों ने एकत्रित होकर क्षतिग्रस्त सड़को को लेकर हंगामा किया. सड़कों के टूटे होने के बावजूद भी टोल वसूलने से नाराज होकर टोल बूथ पर वसूली बन्द करने को लेकर अनिश्चितकालीन धरना किया.

ग्रेनाइट एसोशिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि रेवदर से लेकर रोहट तक सड़क मार्ग पर पिछले 10 सालों से टोल वसूला जा रहा है. एग्रीमेंट के अनुसार 8 सालों के बाद पूरी सड़क का नवीनीकरण करना था, लेकिन 10 साल गुजर जाने के बावजूद भी सड़क मार्ग ठीक नहीं किया गया है. पिछले दो सालों से लगातार सड़क की मरम्मत की मांग उठाई जा रही है, लेकिन संबंधित कंपनी की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में परेशान होकर आज से टोल बूथ बन्द करवाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है.

टोल वसूलने से नाराज ग्रेनाइट एसोसिएशन ने किया अनिश्चितकालीन धरना

ग्रेनाइट एसोशिएशन के अध्यक्ष लाल सिंह धानपुर ने बताया कि जिले में करीबन 2 हजार से ज्यादा ग्रेनाइट फैक्ट्रियां है. जिसके कारण सैंकड़ों वाहनों का प्रतिदिन आवागमन होता है, लेकिन सड़क मार्ग पूरा क्षतिग्रस्त होने के बावजूद टोल जबरन वसूला जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में रेवदर से लेकर रोहट तक जितने भी टोल हैं उन सभी बूथों पर वसूली बन्द करवाई जाएगी.

सार्वजनिक निर्माण विभाग ने टोल सस्पेंड की कर रखी है सिफारिश

जिले में टोल रोड पूरी क्षतिग्रस्त होने के बावजूद टोल वसूलने के कारण कई बार लोगों ने धरना प्रदर्शन किए थे. जिसके चलते जिला कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी. उसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर टीम बनाकर सड़क मार्ग का सर्वे किया था.

सर्वे में ज्यादातर सड़क टूटी हुई होने के कारण जल्द सड़क को ठीक करने को कहा गया था, लेकिन सड़क की हालत नहीं सुधारने के चलते विभाग के अधिकारियों ने टोल को सस्पेंड करने के लिए लिखा था, लेकिन अभी तक टोल को लेकर उच्च अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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