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जालोर में करोड़ों की जमीन को बिना आवंटन डकार गए अतिक्रमी, कई लोगों ने तो बना लिए फर्जी पट्टे

नागौर के सांचौर शहर के बीचों-बीच करोड़ों रुपए की जमीन को अतिक्रमी नियमों के विपरीत और फर्जी पट्टे बनाकर डकार गए. अब मामले का खुलासा होने के बाद जांच कमेटी गठित की गई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि बिना किसी आवंटन गुपचुप तरीके से नगर पालिका के अधिकारियों ने पट्टे किस आधार पर जारी किए.

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जालोर अतिक्रमण मामला

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Published : Mar 4, 2020, 3:01 PM IST

जालोर. जिले के सांचौर शहर के बीचों-बीच नगर पालिका की करोड़ों की जमीन को बिना किसी आवंटन के रसूखदारों ने नियमों के विपरीत फर्जी पट्टे जारी करवा कर हड़प ली. अब पूरे मामले का खुलासा होने के बाद नगर पालिका बोर्ड ने 7 सदस्यों की एक कमेटी गठित की है. जो इस मामले से जुड़ी पत्रावलियों की जांच कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि नगर पालिका की करोड़ों की संपत्ति को कौड़ियों के भाव में बांट ली गई और किसी को कानों-कान भनक तक नहीं लगी.

जालोर अतिक्रमण मामला

पूरे मामले को लेकर अब वर्तमान पार्षद चंपालाल खत्री भी नगर पालिका की बैठक में यह मुद्दा उठा चुके है, लेकिन अभी तक नगर पालिका अतिक्रमियों के खिलाफ कोई कड़े कदम उठा नहीं पाई है और ना ही इस मामले में नगर पालिका प्रशासन ने स्वायत शासन विभाग की डीएलबी शाखा को अवगत करवाया है. ऐसे में नगर पालिका के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार नगर सांचौर शहर के बीचों-बीच पंचायतीराज शासन के समय बीएसएनएल के टेलीफोन एक्सचेंज के लिए जमीन किराए पर दी थी. बाद में बीएसएनएल अपने नए भवन में शिफ्ट हो गया. उसके बाद पीछे खाली पड़ी जमीन पर कुछ अतिक्रमियों ने नजर गड़ाई और जमीन के आसपास में अपने ठेले खड़े किए. बाद में धीरे धीरे उस जमीन पर अतिक्रमण कर लिया. नगर पालिका के तत्कालीन नगर पालिका के कर्मचारियों से मिलीभगत करके 5 से ज्यादा फर्जी पट्टे जारी कर दिए.

10 दुकानों के लिए बनाया था प्लान

पुराने एक्सचेंज की जमीन पर 2012 की नगर पालिका बोर्ड की बैठक में 10 दुकानें बनाकर नीलाम करने का प्लान तैयार किया गया था, लेकिन 2013 में प्रशासन शहरों के संग अभियान में चुपके से जमीन के पट्टे दूसरे लोगों के नाम जारी कर दिए गए. जिसमें कुछ पट्टे तो दुकान लगाकर बैठने वालों के नाम जारी किए गए, लेकिन कुछ पट्टे फर्जीवाड़ा करके उन लोगों को दे दिए, जिनका इस जमीन के पास में कब्जा तक नहीं है.

करोड़ों का नगर पालिका को हुआ नुकसान

शहर के बीच में यह जमीन करोड़ों रुपए की है. जिस पर नगर पालिका ने 10 दुकानें बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था. जिसमें साफ लिखा हुआ था कि पूर्व में BSNL की ओर से बनाया गया भवन हटाकर नई दुकान बनाकर किराए पर या फिर नीलामी करके दुकान आवंटित की जाए. अगर ऐसा किया जाता, तो इन दस दुकानों की नीलामी से नगर पालिका को करोड़ों की आय होती, लेकिन अब फर्जी पट्टे जारी करने से नगर पालिका के राजस्व में करोड़ों का नुकसान हो गया.

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एक व्यक्ति के नाम 2 पट्टे

नगर पालिका द्वारा इस कदर फर्जीवाड़ा किया गया, जिसमें सभी नियमों को ताक पर रख दिया. नगर पालिका अपने क्षेत्र में एक व्यक्ति को एक पट्टा ही दे सकती है, लेकिन यहां पर दो-दो पट्टे जारी कर दिए. सरदार सिंह राव के पास में पहले एसबीआई बैंक की सामने वाली गली में पट्टा जारी किया गया है. उस पट्टे में एक तरफ आवासीय व दूसरी तरफ कमर्शियल लिखा हुआ है. उसी पट्टे के होते हुए पालिका ने दूसरा पट्टा इस विवादित जगह पर फर्जी तरीके से जारी कर दिया.

रास्ते की जमीन भी डकार गए अतिक्रमी

नगर पालिका की ओर से जो दुकानों का प्लान बनाया था, उसमें एक रास्ता भी था, लेकिन वर्तमान में अतिक्रमण करने वालों ने रास्ते की जमीन को भी दबा ली है.

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