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बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में फर्जीवाड़े की जांच करने से पहले पूर्व व्यवस्थापक से नए व्यवस्थापक को चार्ज दिलाने की मांग

जालोर की बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति पिछले लंबे समय से विवादों में है. समिति में व्यवस्थापक के तौर पर कार्यरत आशाराम मेघवाल ने अपने कार्यकाल में जमकर फर्जीवाड़ा किया था. ग्रामीणों ने धरना किया तो सेंट्रल बैंक प्रशासन ने उसे हटाकर दूसरी जगह पर लगा दिया, लेकिन आज तक बालवाड़ा समिति का चार्ज उसी के पास है. जिसको लेकर ग्रामीणों की मांग है कि नए व्यवस्थापक को चार्ज दिया जाए.

जालोर की खबर, Service cooperative society
जालोर में नए व्यवस्थापक को चार्ज दिलाने की मांग

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Published : Feb 14, 2020, 10:59 PM IST

जालोर.जिले के सायला उपखण्ड क्षेत्र में बालवाड़ा गांव में ग्राम सेवा सहकारी समिति में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर खुलासा करने और नए व्यवस्थापक को चार्ज दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीण कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से मिले और जांच की मांग की.

जालोर में नए व्यवस्थापक को चार्ज दिलाने की मांग

ग्रामीणों ने कलेक्टर गुप्ता को दिए ज्ञापन में बताया कि बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में सन 2000 से आशाराम नाम का व्यवस्थापक कार्यरत था. उनके कार्यकाल में कई किसानों के नाम से फर्जी लोन उठाए और काफी राशि का गबन किया. ग्रामीणों ने तत्कालीन व्यवस्थापक आशाराम पर आरोप लगाया कि उसने उसके कार्यकाल में किसी भी किसान को उनके खातों की पासबुक या चेकबुक नहीं दी थी. इसके अलावा उन्होंने 2018 और 2019 में सैंकडों किसानों के नाम से फर्जी लोन उठा लिया था. जिसका कर्ज माफी समय खुलासा हुआ था, लेकिन आज तक जालोर सेंट्रल बैंक के अधिकारियों की ओर से व्यवस्थापक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.

साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्राम सेवा सहकारी समिति में व्यवस्थापक के तौर पर चंपालाल लगा हुआ है, लेकिन बैंक के उच्च अधिकारियों ने तत्कालीन व्यवस्थापक आशाराम से चार्ज तक नहीं दिलवाया जा रहा है. वहीं नए व्यवस्थापक को चार्ज नहीं देने के कारण किसानों के कार्य भी नहीं हो पा रहे है. पूर्व में 45 लाख का घोटाला हो चुका है.

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जानकारी के अनुसार बालवाड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में घोटाले की राज्य सरकार को जालोर के विधायक जोगेश्वर गर्ग ने शिकायत की थी. उसके बाद राज्य सरकार की ओर से जांच करवाई गई. जिसमें सामने आया कि आशाराम मेघवाल ने अपने कार्यकाल में 45 लाख का घोटाला किया, लेकिन जालोर सेंट्रल बैंक के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. इस मामले में अब ग्रामीण कार्रवाई की मांग कर रहें हैं.

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