घटना को लेकर महिला संगठनों में गुस्सा जयपुर. महिला सुरक्षा के मामले में राजस्थान एक बार फिर शर्मिंदा हुआ है. प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना से महिला संगठनों में गुस्सा है. अलग-अलग वर्ग की महिला संगठनों ने न केवल इस अमानवीय घटना पर आक्रोश जताया, बल्कि कड़े शब्दों में कहा कि राजस्थान में ऐसी हैवानियत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार से घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
हम शर्मिंदा हैं :फोर्टी वुमन विंग की जनरल सेक्रेटरी ललिता कुच्छल ने कहा कि राजस्थान के प्रतापगढ़ में शर्मिंदा करने वाली घटना हुई है. राजस्थान में पहले इस तरह की घटनाएं कभी नहीं हुईं, लेकिन जिस तरह से इन दिनों घटनाएं सामने आ रही हैं, वो चिंताजनक हैं. महिला के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार से आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई करवाने और कड़ी से कड़ी सजा की पैरवी करने की मांग की है.
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किस दिशा में जा रहा समाज :प्रदेश की गहलोत सरकार में महिला नीति कमेटी की सदस्य डॉ. अनुपमा सोनी ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रतापगढ़ की घटना हृदय विदारक है. इस तरह की घटनाओं से मानसिक तनाव बढ़ता है. साथ ही समाज में एक मैसेज भी जाता है कि महिलाएं कहां सुरक्षित हैं. देश-प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा कर आगे बढ़ रही हैं, वहीं समाज के एक वर्ग में महिलाओं की ऐसी स्थिति बनी हुई है. सरकार से अनुरोध है कि इस तरह की घटना पर संज्ञान लेकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. साथ ही सरकार अपने आईटी सेल को भी इस तरह से मजबूत करे कि इस तरह के वीडियो को सर्कुलेट होने से रोका जाए, ताकि महिलाओं के सम्मान को और ज्यादा चोट नहीं पहुंचे.
कानून का डर बनना जरूरी :डॉ. अलका गौड़ ने कहा कि प्रतापगढ़ की वीभत्स घटना शर्मसार करने वाली है. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ऐसा कोई नियम या कानून क्यों नहीं बनाती, जिसके जरिए आरोपियों को ऐसी सजा दी जाए कि कोई व्यक्ति ऐसा करने से पहले पांच बार सोचे. सरकार को इस तरह की घटनाओं पर कड़े कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान पहले महिला सम्मान के लिए पहचाना जाता था, आज राजस्थान की पहचान महिला हिंसा, दुष्कर्म बनती जा रही है.
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आज महिलाएं कहीं कम नहीं :मिसेज एशिया इंटरनेशनल दीप्ति सैनी ने कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. हाल ही में देश ने चंद्रमा पर परचम लहराया, उस मिशन में महिलाओं की बड़ी भूमिका थी. एक तरफ इन उपलब्धियों से गौरवान्वित महसूस होते हैं, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में इस तरह की घटनाएं सुनकर शर्मिंदगी भी महसूस होती है. सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में किसी तरह का राजनीतिक नजरिया नहीं रखें और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करें.
वीडियो वायरल न करें :सामाजिक कार्यकर्ता मोना शर्मा ने कहा कि राजस्थान में ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी थानागाजी में महिला को निर्वस्त्र करके वीडियो बनाया गया था. सरकार अगर उन घटनाओं में सख्त रुख अपनाती और कड़ी कार्रवाई करती तो शायद ये घटना नहीं होती. हर दिन महिलाओं को हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है. मोना ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि इस तरह के वीडियो बहुत सेंसिटिव होते हैं. ये महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है, ऐसे में इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल न करें. वहीं, फोर्टी वुमेन की जॉइंट सेकेट्री साक्षी आहूजा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटना शर्मिंदा करने वाली है.
ये है मामला :प्रतापगढ़ में महिला को निर्वस्त्र करते घुमाने का मामला सामने आया है. महिला के पति ने प्रेम प्रसंग के शक में उसे निर्वस्त्र करके गांव में घुमाया था. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई. फिलहाल पति सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.