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स्मार्ट सिटी के काम को गलत बताने वाले पहले कहां थे : जयपुर सांसद - rajasthan

जयपुर स्मार्ट सिटी के काम को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की ओर से उठाए गए सवालों पर, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने पलटवार किया. बोहरा ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते वो आज सरकार में आए हैं, लेकिन पहले भी वो यहां थे और यदि स्मार्ट सिटी के काम में कोई कमी थी, तो पूर्व यूडीएच मंत्री होने के नाते उन्हें बोलना चाहिए था. लेकिन, अब सरकार का पैसा लगने के बाद वहां घूम कर निर्देश देना गलत है.

धारिवाल को सवालों पर रामचरण बोहरा का पलटवार

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Published : Jul 8, 2019, 8:08 PM IST

जयपुर.स्मार्ट सिटी के काम को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की ओर से उठाए गए सवालों पर, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने पलटवार किया है. बोहरा ने पूछा कि जिस समय स्मार्ट सिटी का काम चल रहा था, तब धारीवाल जी कहां थे. स्मार्ट सिटी के तहत पूरे हुए प्रोजेक्ट्स को तोड़कर दोबारा बनाना समय और पैसे का दुरुपयोग होगा. ऐसे में उन्होंने मौजूदा सरकार को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स पर काम जल्द पूरा करने की नसीहत दी.

रामचरण बोहरा ने गहलोत के मंत्री पर किया पलटवार

प्रधानमंत्री का अहम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के काम पर अब सियासत शुरू हो गई है. करीब 3 साल से राजधानी में स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है और बीते करीब एक साल से स्मार्ट रोड का, लेकिन इसका काम कहीं भी पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. जिस पर बीते दिनों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी सवाल खड़े किए थे. धारीवाल ने किशनपोल बाजार में किए गए स्मार्ट रोड के काम में ढेरों खामियां गिनाते हुए, ग्रीन कॉरिडोर और फुटपाथ को फिजूल बताया था. साथ ही फुटपाथ छोटा कर रोड चौड़ी करने के निर्देश दिए थे.

हालांकि, मंत्री के इन निर्देशों को अब तक अमल में नहीं लाया गया है. वहीं, जयपुर शहर सांसद ने भी मंत्री के इन निर्देशों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते वो आज सरकार में आए हैं, लेकिन पहले भी वो यहां थे और यदि स्मार्ट सिटी के काम में कोई कमी थी, तो पूर्व यूडीएच मंत्री होने के नाते उन्हें बोलना चाहिए था. लेकिन, अब सरकार का पैसा लगने के बाद वहां घूम कर निर्देश देना गलत है.

बहरहाल, बोहरा ने ये माना कि स्मार्ट सिटी के काम की गति धीमी हो सकती है. ऐसे में सरकार के पैसे का अपव्यय करने से बेहतर केंद्र से मिली राशि का सही इस्तेमाल कर प्रोजेक्ट को गति देने का काम करना चाहिए. बहरहाल, स्मार्ट सिटी के लंबित प्रोजेक्ट वाकई चिंता का विषय बने हुए हैं. लेकिन, यदि तैयार कामों में दोबारा बदलाव किया जाता है, तो इससे पैसे का तो अपव्यय होगा ही, साथ ही काम की गति और धीमी हो जाएगी.

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