राजस्थान चिकित्सा मंत्री का बड़ा बयान जयपुर. प्रदेश में स्वास्थ्य अधिकार बिल को लेकर बवाल मचा हुआ है. एक ओर जहां सरकार ने बहुमत के साथ मंगलवार को राइट टू हेल्थ बिल सदन में पास करवा लिया, वहीं दूसरी ओर बिल के विरोध में निजी चिकित्सकों का आंदोलन जारी है. चिकित्सकों ने हड़ताल शुरू कर दी है. इस बीच अब सरकार ने भी सख्ती रुख दिखाना शुरू कर दिया है. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि बिल सदन में पास हो चुका है, अब कोई संशोधन नहीं होगा. कोई भी हो, उसे नियम मानने पड़ेंगे. चिकित्सक काम पर लौटें, नहीं तो सरकार को मजबूरन सख्त कदम उठाने पड़ेंगे.
नहीं होगा कोई संशोधन : राजस्थान विधानसभा में पारित हुए राइट टू हेल्थ बिल को लेकर भले ही निजी चिकित्सक हड़ताल पर हों, लेकिन राजस्थान के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि अब बिल पास चुका है, इसमें कोई भी संशोधन संभव नहीं है. इसे सभी को मानना ही होगा. मीणा ने यह भी साफ कर दिया कि अब राइट टू हेल्थ बिल को लेकर कितना ही आंदोलन हो, इसमें किसी प्रकार का कोई संशोधन नहीं होगा. जब विधानसभा में सर्वसम्मति से यह बिल पारित किया गया है तो इसे सबको मानना पड़ेगा.
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अवहेलना कोई भी नहीं कर सकता : परसादी लाला मीणा ने कहा कि जब सदन में नियम बन गए हैं तो उन्हें सबको मानना होता है. इनकी अवहेलना कोई भी नहीं कर सकता. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि आंदोलन कर रहे चिकित्सकों को सोचना चाहिए कि इस हड़ताल का क्या मतलब है. सबको ये मानना चाहिए कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य बन गया जो आम जनता को स्वास्थ्य अधिकार दे रहा है. इस बिल को लेकर पहली बार सरकार ने राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक कमेटियों में चिकित्सकों को शामिल किया. इस बिल में जो भी चिकित्सक की मांग थी वो मानी गई है. आखिर ऐसी कौन सी बात है जो उन्होंने कही हो और सरकार ने नहीं मानी. ये कहना कि बिल ही नहीं आना चाहिए, ठीक नहीं है.
सख्त कदम उठाने की तैयारी : मंत्री ने कहा कि हम चिकित्सकों से अपील करते हैं कि वो वापस काम पर लौटें. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी डॉक्टर से अपील की है कि वह काम पर लौटें. इस तरह से आम जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करें. मीणा ने हड़ताल कर रहे चिकित्सकों को ये भी कह दिया कि अगर वो काम पर नहीं लौटे तो सरकार को फिर जो कदम उठाना होगा, सरकार उठाएगी.
बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में राजस्थान में निजी चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर हैं. इस बीच मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल भी पारित कर दिया गया. बावजूद इसके, अब तक चिकित्सकों की हड़ताल नहीं टूटी. राजस्थान के निजी चिकित्सालयों में काम बंद है. वहीं, जयपुर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया है.