जयपुर.नगरीय निकायों पर विद्युत कंपनियों के सार्वजनिक रोशनी के बकाया चल रहे बिलों का भुगतान अब राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 256.28 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है. साथ ही बताया गया कि जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम के अकाउंट में बकाया बिलों की राशि ट्रांसफर की जाएगी.
सरकार करेगी भुगतान -जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के बकाया चल रहे 146.47 करोड़, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 26.12 करोड़ और जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 83.69 करोड़ का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा. इस संबंध में रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के नगरी निकायों पर चल रहे बकाया बिलों के भुगतान को लेकर 256.28 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की.
सुदृढ़ीकरण के लिए कराए जाएंगे काम -इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जल तंत्र के विकास और सुदृढ़ीकरण के लिए भी राज्य सरकार की ओर से छह परियोजनाओं के तहत काम कराए जाने हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने 381.74 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है. सरकार बारां जिले में पार्वती मुख्य केनाल के सुदृढ़ीकरण के लिए 241.25 करोड़ खर्च करेगी. वहीं, खारी फीडर की क्षमता बढ़ाकर राजसमंद बांध में जल उपलब्धता के लिए 79.94 करोड़, मानकी डिस्ट्रीब्यूटरी सिस्टम पर 20.47 करोड़ , नर्मदा कैनाल प्रोजेक्ट के बालेरा और सांचोर लिफ्ट डिस्ट्रीब्यूटरी सिस्टम के लिए 17.60 करोड़, भीमगुढ़ा डिस्ट्रीब्यूटरी सिस्टम के टेल माइनर्स के लिए 8.05 करोड़ रुपए और राटोडा डिस्ट्रीब्यूटरी सिस्टम के माइनर्स के लिए 14.43 करोड़ के कार्य होंगे.
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सीएम ने दी वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी - इसके साथ ही जोधपुर के लूणी स्थित गुड़ा विश्नोईयान में बड़ा तालाब के पास फिल्टर प्लांट के लिए मुख्यमंत्री ने अलग से 123.53 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इससे जल वितरण व्यवस्था सुदृढ़ होगी और 70 गांव के अलावा 148 ढाणियां लाभान्वित होंगी. इस राशि से वाटर राइजिंग मेन पाइपलाइन, रॉ-वाटर रिजर्वेयर, रॉ-वाटर ट्रंक मेन लाइन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, क्लीयर वाटर रिजर्वेयर, पम्प- मशीनरी और विद्युतीकरण के कार्य होंगे, जबकि सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में सीवरेज लाइन के कार्य के लिए भी 42.30 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को भी सीएम ने मंजूरी दी है. वित्तीय मंजूरियों के इतर मुख्यमंत्री ने रविवार को 78 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत करने की भी स्वीकृति प्रदान की. इससे इन विद्यालयों में छात्रों को 8वीं कक्षा तक की शिक्षा मिल सकेगी.