जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर जिले में प्रतिबंधित दवाइयों को लेकर दर्ज तीन मामलों में आरोपी श्याम सुंदर मूंदडा को वर्ष 2021 में मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में एनडीपीएस कोर्ट, अजमेर के जमानत आदेश को निरस्त कर दिया है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्रों को स्वीकार करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि वर्ष 2021 में जमानत मिलने के बाद दो अनुसंधान अधिकारियों का तबादला किया गया और एक जांच अधिकारी दिव्या मित्तल को एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 के तहत आरोपी माना गया है. ऐसे में यह नहीं माना जा सकता कि आरोपी ने अनुसंधान में छेड़छाड़ नहीं की हो. याचिकाओं में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस राठौड़ ने अदालत को बताया कि श्याम सुंदर मूंदडा हिमाचल और देहरादून से प्रतिबंधित दवाईयां मंगाकर सप्लाई करता था. उसने गोदाम और फर्म दूसरे लोगों के नाम से ले रखे थे. पुलिस जांच से साबित है कि मूंदडा ही प्रकरण का मास्टर माइंड था. पूरा मामला करीब बीस करोड़ रुपए की प्रतिबंधित दवाओं से जुड़ा हुआ है. एनडीपीएस कोर्ट ने श्याम सुंदर मूंदडा को वर्ष 2021 में जमानत पर रिहा किया था, जबकि समान मामले में अन्य सह आरोपियों की जमानत अर्जियां खारिज कर दी थी.