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Sawan Somvar : शिव मंदिरों में रुद्री पाठ के साथ सहस्त्रधारा का आयोजन, Dress Code को लेकर ये बोलीं शकुंतला रावत

प्रदेश की कांग्रेस सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर अग्रसर हो चली है. सभी तीज-त्योहार पर देवस्थान विभाग की ओर से विशेष आयोजन भी करवाए जा रहे हैं. इस क्रम में अब लगातार दूसरे साल सावन के सोमवार पर देवस्थान विभाग की ओर से शिव मंदिरों में सहस्त्रधारा के आयोजन किए जा रहे हैं.

Rajasthan Devasthan Department
देवस्थान विभाग की मंत्री शकुंतला रावत

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Published : Jul 8, 2023, 7:35 PM IST

Updated : Jul 8, 2023, 8:38 PM IST

Dress Code को लेकर ये बोलीं शकुंतला रावत

जयपुर.सावन का महीना शुरू हो गया है. इस बार अधिमास होने की वजह से सावन में 8 सोमवार पड़ रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के देवस्थान विभाग की ओर से शिव मंदिरों में रुद्री पाठ के साथ सहस्त्रधारा का आयोजन किया जाएगा. जयपुर में सोमवती अमावस्या पर प्रतापेश्वर मंदिर में मुख्य आयोजन होगा, जिसमें खुद विभाग की मंत्री शकुंतला रावत भी मौजूद रहेंगी. इस बार प्रदेश से बाहर देवस्थान विभाग के मंदिरों में भी सरकार की ओर से सहस्त्रधारा के आयोजन किए जाएंगे.

बीते साल की तर्ज पर रुद्राभिषेक :मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि सावन में हरियाली तीज, सिंजारा, रक्षाबंधन जैसे त्योहार आते हैं, जो राजस्थान की संस्कृति से जुड़े हैं. सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक भी शुभ माना जाता है. वैसे तो बहुत से लोग भगवान आशुतोष का जलाभिषेक नियमित करते हैं, लेकिन प्रदेश में खुशहाली और सौहार्दपूर्ण वातावरण रहे, इसलिए राज्य सरकार की ओर से बीते साल सावन के महीने में भी कई शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कराए गए थे. इसी तर्ज पर इस बार भी सावन के महीने में देवस्थान विभाग के मंदिरों के साथ अन्य मंदिरों में भी जलाभिषेक का कार्यक्रम होगा, जिसमें रुद्री पाठ के साथ सहस्त्रधारा का आयोजन होगा.

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एक आयोजन भगवान विष्णु के मंदिर में भी :उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले के कम से कम एक शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम जरूर होगा. अब तक करीब 50 से 60 मंदिरों की सूची तैयार की जा चुकी है. बजट विभाग की ओर से दिया जाएगा. शकुंतला रावत ने कहा कि अधिमास भगवान विष्णु से जुड़ा है, ऐसे में एक आयोजन भगवान विष्णु के मंदिर में भी किया जाएगा. इसके अलावा सावन के ग्यारस और अष्टमी में भी आयोजन किए जाएंगे. ब्रजनिधि मंदिर के सामने मौजूद प्रतापेश्वर मंदिर में सोमवती अमावस्या पर होने वाले आयोजन में वो खुद जलाभिषेक कार्यक्रम में शामिल होंगी. इसके अलावा आमेर स्थित रामेश्वरम, पुराना घाट, सिरह ड्योढ़ी के मंदिरों में भी इसी तरह के आयोजन होंगे.

मंदिर में कॉरिडोर बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति :इस बार राजस्थान से बाहर अन्य राज्यों में देवस्थान विभाग के जो मंदिर हैं, वहां पर भी रुद्री पाठ के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक करने की तैयारी है. कावड़ियों के रास्ते में यदि देवस्थान विभाग के मंदिर पड़ रहे हैं, तो उनका सहयोग करने की भी पूरी व्यवस्था रहेगी. उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग के 593 मंदिरों को संवारने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 593 लाख रुपए की मंजूरी दी है. इसके अलावा गोविंद देव जी मंदिर में महाकाल की तर्ज पर 100 करोड़ की लागत से कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसी तरह खाटूश्यामजी, कैला देवी, बेणेश्वर धाम में भी कॉरिडोर और अन्य विकास कार्य किए जाएंगे.

गोविंद देव जी के कॉरिडोर निर्माण के लिए 20.30 करोड़ :आपको बता दें कि शनिवार को ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोविंद देव जी मंदिर के कॉरिडोर निर्माण के लिए 20.30 करोड़ रुपए की वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके अलावा बीकानेर के राजरतन बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार और सुविधाओं के लिए 3.62 करोड़ राशि की स्वीकृति दी गई है. दोनों ही जगह राशि पर्यटन विकास कोष से खर्च की जाएगी.

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व्यक्ति स्वयं निर्णय ले, उसे क्या पहनना है : प्रदेश के मंदिरों में लग रहे ड्रेस कोड के पोस्टर प्रकरण पर मंत्री ने कहा कि देवस्थान विभाग के अलावा प्रन्यास, ट्रस्ट और आत्मनिर्भर मंदिर भी मौजूद हैं. मंदिर के प्रशासन की ओर से ड्रेस कोड को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं, सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आदेश-निर्देश नहीं है. पहनावा व्यक्ति के स्वविवेक पर निर्भर करता है. वो स्वयं निर्णय लेता है कि उसे क्या पहनना है. सरकार की तरफ से कोई पाबंदी नहीं है. कुछ पंडित की किंवदंती जरूर है कि आधे कपड़े पहनने से आधा विकास होता है.

बीडी कल्ला बुद्धिमान और सीनियर :उन्होंने बताया कि उदयपुर के जगदीश जी मंदिर में भी देवस्थान विभाग की ओर से ड्रेस को लेकर कोई बोर्ड नहीं लगाए गए. विभाग की ओर से इस तरह के पोस्टर हटाए गए. यदि उन्हें दोबारा लगाया गया है तो हटाया जाएगा और फिर भी कोई ज्यादा करता है, तो जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि जब चुनाव होते हैं तो कुछ न कुछ उटपटांग गतिविधियां होती ही हैं. बीडी कल्ला के बयान पर रावत ने कहा कि कल्ला उनसे ज्यादा बुद्धिमान और सीनियर हैं. शास्त्रों के भी ज्ञाता हैं, लेकिन भारत देश की जो परंपरा और संस्कृति है, उस पर किसी को पाबंद नहीं कर सकते.

Last Updated : Jul 8, 2023, 8:38 PM IST

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