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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 10, 2023, 10:39 AM IST

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Rajasthan Assembly Election 2023 : बीजेपी की पहली लिस्ट में वसुंधरा समर्थक आउट ! उठने लगे विरोध के स्वर

Rajasthan BJP 1ST List, चुनावी फेस से दूर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अब भाजपा की पहली सूची में भी बड़ा झटका लगा है. 41 प्रत्याशियों की सूची में वसुंधरा राजे के करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अब सबकी निगाहें राजे की आगे की रणनीति पर है.

वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे

रोहिताश शर्मा ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. साल 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी रणभेरी बज चुकी है. एक तरफ जहां भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी अपने योद्धाओं को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. सोमवार को बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी करते हुए 41 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की, लेकिन इस सूची की घोषणा के साथ ही पार्टी में अंदरूनी रूप से उबल रहा असंतोष अब खुलकर सामने आने लगा है.

वसुंधरा और उनके समर्थकों को लेकर चर्चा तो पहले से तेज थी, लेकिन भाजपा की पहली प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ इस पर पूरी तरह मुहर लग गई है कि इस बार पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को पार्टी शिर्ष नेतृत्व अब पूरी तरह नकार चुका है. पहले चुनावी फेस से दूर और अब टिकटों में भी उनके करीबियों की अनदेखी, इस बात की ओर साफ संकेत है कि राजस्थान में भाजपा राजे के विकल्प की ओर बढ़ रही है. 41 उम्मीदवारों की सूची में राजे के करीबियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. उसमें सबसे पहला नाम झोटवाड़ा से भाजपा के पूर्व में विधायक और वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे राजपाल सिंह शेखावत का है.

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शेखावत का टिकट काट पार्टी ने जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है. इसके साथ राजे के करीबियों में दूसरा नाम रोहिताश शर्मा का है, जिन्हें बानसूर से टिकट दिए जाने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी जगह देवी सिंह शेखावत को मैदान में उतारा गया है. वहीं, नरपत सिंह राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे भैरोंसिंह शेखावत के दामाद हैं. राजवी कभी वसुंधरा समर्थक तो कभी उनके विरोध की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, इन दिनों वो राजे के करीब बताए जा रहे हैं. इसके अलावा भरतपुर जिले में नगर विधानसभा से दो बार विधायक रहीं अनीता सिंह का भी टिकट काट जवाहर सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है.

अनीता सिंह का आरोप है कि पार्टी ने उन्हें वसुंधरा राजे कैंप का मानकर बाहर का रास्ता दिखाया है. वहीं, सांचौर से जीवाराम पटेल का टिकट काट कर देवजी पटेल, राजेन्द्र भांबू की जगह बबलू चौधरी और विकास चौधरी की जगह भगीरथ चौधरी को टिकट दिया गया. इसी तरह से कोटपूतली से रामस्वरूप कसना को वसुंधरा कैंप के माने जाते हैं, उन्हें टिकट नहीं देकर हंसराज गुर्जर को टिकट दिया गया है. सुजानगढ़ से खेमराज की जगह संतोष मेघवाल, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर की जगह कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को टिकट दिया गया. लालसोट से वसुंधरा कैंप के वीरेंद्र मीणा टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करते हुए भाजपा ने रामविलास मीणा को फिर से मैदान में उतारा है.

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उठने लगे विरोध के स्वर : भाजपा की पहली सूची में ज्यादातर प्रत्याशियों के टिकट काटे गए हैं जो पिछले चुनावों में हार का सामना करते हुए आ रहे थे. भाजपी की पहली सूची को गौर से देखें तो 38 से ज्यादा उन उम्मीदवारों के नाम बदले गए हैं जो लगातार हार का सामना कर रहे थे. बावजूद इसके, टिकट के आस लगाने वालों को जब पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया तो अब उन्होंने अपना विरोध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दर्ज कराना शुरू कर दिया है. विकास चौधरी, राजेंद्र भांबू और अनीता सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द बयां किया तो वहीं रोहिताश शर्मा ने अपना वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा बताई. रोहिताश शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी ने जाति और पैसे के बल पर प्रत्याशियों को टिकट दिया है. पार्टी को आने वाले समय में इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.

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