जयपुर. आरटीओ कर्मचारियों की इस बार चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई है. इस बात को लेकर परिवहन कर्मचारियों और कलेक्टर में ठन गई है. जब भी चुनाव होते हैं तब आरटीओ कर्मचारी चुनाव में परिवहन व्यवस्था का जिम्मा संभालते आए हैं लेकिन इस बार उनकी ड्यूटी लगा दी गई है. जिससे प्रशिक्षण में जाने से उनके काम प्रभावित हो रहे हैं.
चुनाव में ड्यूटी लगने से कर्मचारी समझ नहीं पा रहे हैं कि वह चुनाव में ड्यूटी करें या फिर चुनाव में परिवहन व्यवस्था का जिम्मा संभाले. आरटीओ और जिला निर्वाचन अधिकारी के बीच विवाद भी शुरू हो गया है. जिला परिवहन अधिकारी को कर्मचारियों की ड्यूटी रद्द कराने के लिए पत्र लिखा है.
जिला कलेक्टर जयपुर सिंह यादव ने भी साफ कर दिया है कि चुनाव में ड्यूटी तो करनी ही पड़ेगी. कर्मचारियों को चुनाव की ट्रेनिंग के लिए बुलाया जा रहा है आपको बता दें कि इससे पहले भी चुनाव में कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाती थी लेकिन उन्हें वाहन व्यवस्था का काम देखना होता था उन्हें अन्य किसी तरह की ट्रेनिंग नही करनी पड़ती थी. कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगने से लाइसेंस फिटनेस आदि काम प्रभावित हो रहे हैं. इससे जनता परेशान हो रही है.
वहीं आरटीओ राजेंद्र वर्मा का कहना है कि चुनाव में वाहन व्यवस्था भी अहम होती है. पुलिस और कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था परिवहन विभाग को ही करनी पड़ती है. इस काम में परिवहन विभाग के कर्मचारी ही लगाए जाते हैं. परिवहन विभाग में 150 कर्मचारी है इनमें से सबसे अधिक बाबू और सूचना सहायक है सभी की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है.
कलेक्टर जगरूप सिंह यादव का कहना है कि लोकसभा चुनाव में सभी कर्मचारियों को ड्यूटी करना जरूरी है. कोई युक्तियुक्त कारण होगा तभी उन्हें चुनाव ड्यूटी से छूट मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि आरटीओ कर्मचारियों को अभी ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया है. वे ट्रेनिंग तो करे चाहे तो हम उनकी ड्यूटी वाहन व्यवस्था में लगा देंगे. उन्होंने यहां तक का की का जरूरत पड़ी तो आरटीओ की भी चुनाव ड्यूटी के लिए बुला लेंगे.