जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के बीच गर्मियों में गरीब का फ्रिज माने जाने वाला मिट्टी का मटका भी बाजार में बनकर तैयार है. लॉकडाउन के बीच इन मटकों को खरीदारों का इंतजार है. माटी को अपनी मेहनत से आकार देकर मटका और सुराई बनाने वाले कुम्हार परिवारों ने गर्मियों के दौरान प्यासे गले को ठंडे पानी से तृप्त करने के लिए इनके निर्माण में अपना खूब पसीना तो बहाया, लेकिन मटकों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. राजधानी जयपुर के धावास इलाके के नजदीक कुम्हार परिवारों के ईटीवी भारत पहुंचा और कुम्हारों से बात की.
बता दें कि, इन परिवारों के द्वारा बनाए गए मटकों की सप्लाई पूरे जयपुर शहर में होती है. मतलब अलग-अलग इलाकों में जो लोग फुटपाथ पर या ठेले पर रखकर मटके बेचते हैं, वो इन्हीं परिवारों से खरीद कर लेकर जाते हैं.
मार्च से मटकों की बिक्री होती है शुरू:
राजस्थान की गर्मी किसी से छुपी हुई नहीं है और यहां शीतल पानी के लिए मिट्टी के मटके और सुराही का खूब इस्तेमाल होता है. यही कारण है कि, इन परिवारों ने हमेशा की तरह इस बार भी बड़ी तादात में मटके बनाएं लेकिन मार्च में जब गर्मी शुरू हुई तब प्रदेश में कोरोना का प्रकोप भी शुरू हो गया जिसके चलते राजस्थान में लॉकडाउन कर दिया गया.
ऐसे में अब इन परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा होने लगा है. इन परिवारों का कहना है कि, पहले तो मटके बनाने के लिए मिट्टी और दूसरे सामान के लिए उन्होंने बाजार से कर्जा लिया और अब भी उसी कर्जे के जरिए वह अपने परिवार को खाना खिला पा रहे हैं, लेकिन हालात नहीं सुधरे तो रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो जाएगा.
सरकार से मदद की उम्मीद:
मिट्टी से मटके बनाकर बेचने वाले इन परिवारों की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. संकट की इस घड़ी में इन्हें भी सरकारी मदद की दरकार है लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की मदद इनके घर तक नहीं पहुंची. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान इन लोगों ने यह भी बताया कि ना तो स्थानीय पार्षद और ना ही विधायक अब तक इनके पास आया है और ना ही उन्हें कोई सरकारी मदद दी गई है.
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फिलहाल, इन परिवारों को उम्मीद है कि, जल्द ही कोरोना का यह संकटकाल खत्म होगा और एक बार फिर से जनजीवन पटरी पर आएगा. इनकी मेहनत और काम के खरीदार भी होंगे और इन परिवारों पर आए रोजी रोटी के संकट का समाधान भी हो पाएगा. लेकिन उम्मीद का चक्का तब तक चलाएं, रोजी-रोटी और परिवार चलाने के लिए इन परिवारों को भी सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद है.