जयपुर.प्रदेश में एनआईए की टीम ने मंगलवार को गैंगस्टर और उनके गुर्गों के कई ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना समेत अन्य बदमाशों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जा रही है. जानकारी के अनुसार जोधपुर, सीकर, चूरू, श्रीगंगानगर और झुंझुनू समेत अन्य जगहों पर सुबह से ही एनआईए की छापेमारी जारी है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से गैंगस्टर केस, आर्म्स सप्लायर और टेरर फंडिंग समेत अन्य मामलों में कार्रवाई की जा रही है. लॉरेंस बिश्नोई को जयपुर पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर पिछले सप्ताह जयपुर लेकर पहुंची थी, जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ के लिए 1 सप्ताह का रिमांड दिया था. जवाहर सर्किल थाने में कड़ी सुरक्षा के बीच लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में सामने आ रहे तथ्यों के आधार पर अलग-अलग टीमों को टास्क दिया जा रहा है. जयपुर की जेल में बंद कुछ बदमाशों के नाम भी पूछताछ में सामने आए हैं. पुलिस बदमाशों का लिंक खंगाल रही है.
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एनआईए की ओर से मंगलवार सुबह जोधपुर शहर और जिले में भी हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. शहर के बोरानाडा थाना क्षेत्र के वितराग कॉलोनी में जहां कैलाश मांजू का फ्लैट है और उसका परिवार रहता है, वहां एनआईए की टीम पड़ताल कर रही है. सूत्रों के अनुसार NIA ने उसके परिजनों को समन दिया है, जिसके तहत कैलाश को दिल्ली तलब किया गया है. बताया जा रहा है कि एनआईए ने गैंगस्टर के क्रिमिनल सिंडिकेट्स को लेकर दिल्ली में मामले दर्ज किए हैं, जिसमें कैलाश मांजू भी वांछित है.
जोधपुर में गैंगस्टर कैलाश मांजू के घर कार्रवाई- वहीं, एनआईए की एक टीम ने ग्रामीण बालेसर थाना के भाटेलाई में भी छापेमारी की है. कैलाश मांजू भाटेलाई का सरपंच रह चुका है और वहां पर भी उसका एक ठिकाना है. फिलहाल यह कार्रवाई जारी है अभी तक किसी तरह की कोई बरामदगी को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम ने ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस का जाप्ता भी मांगा है. वितराग सिटी के बाहर पुलिस का जाप्ता भी तैनात किया गया है और अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं दी गई है.
मांजू है इलाके का बड़ा हार्डकोर- कैलाश मांजू जोधपुर और पश्चिम राजस्थान का सबसे बड़ा हार्डकोर अपराधी बन चुका है. उसके तार लॉरेंस की गैंग से भी जुड़े हुए हैं. जोधपुर में 2017 में लॉरेंस के गुर्गों ने जो वारदातों को अंजाम दिया था, उनमें कैलाश मांजू का नाम आया था. हालांकि उस दौरान कैलाश मांजू ने कई बार अपने वीडियो जारी कर कहा कि मेरा लॉरेंस से कोई लेना देना नहीं है. बताया जा रहा है कि फरारी के दौरान 2 साल तक जब वह नेपाल में रहा था तब उसके तार लॉरेंस से जुड़े थे. बीते समय में उसके लॉरेंस के भाई और अन्य लोगों से कनेक्शन का पुलिस को पता भी चला है.
कैलाश मांजू के आवास पर कार्रवाई
2018 में पिता के निधन पर जब वापस गांव आया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उसे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में भेज दिया गया. कुछ मामलों में जमानत मिलने के बाद बाहर आया, लेकिन कलेक्टर की ओर से राजपाशा में निरुद्ध करने के आदेश की भनक लगते ही वह फरार हो गया. इस आदेश के तहत पुलिस उसे 1 साल के लिए गिरफ्तार कर सकती है. फिलहाल, कैलाश मांजू पुलिस गिरफ्त से दूर है. कुछ दिनों पहले उसके गोवा में होने की बात सामने आई थी.
गणेश मांजू अनमोल से जुड़ा- पुलिस सूत्रों के अनुसार लॉरेंस और कैलाश के बीच के गठजोड़ पर अभी तक संशय बना हुआ है. लेकिन कैलाश मांजू के ही एक रिश्तेदार गणेश मांजू जो कि कई अवैध धंधों में लिप्त है उसका अनमोल विश्नोई के साथ गठजोड़ बना हुआ है. दोनों लगातार क्षेत्र में हथियार की तस्करी के अलावा मादक पदार्थों की तस्करी में जुटे हुए हैं. गणेश और अनमोल के बीच के गठबंधन पर पुलिस की नजर बनी हुई है.
वीतराग सिटी में हुई थी फायरिंग- नेपाल छोड़ने के बाद कैलाश मांजू ने अपना परिवार जोधपुर के वीतराग सिटी में बसा दिया. कैलाश मांजू के भतीजे राकेश मंजू ने 2 साल पहले गैंगस्टर विक्रम सिंह नांदिया पर फायरिंग की थी. जिसके बाद राकेश गिरफ्तार हुआ, लेकिन जमानत पर छूट गया. इसके बाद विक्रम और कैलाश मांजू के बीच अदावत और बढ़ गई. हाल ही में एक फरवरी को राकेश मंजू अपने चाचा के घर वीतराग सिटी आया तो यहां पर लंबे समय से रेकी कर रहे विक्रम के लोगों ने उसे गोली मार दी. लेकिन इलाज के बाद वह बच गया. इसके बाद से वीतराग सिटी का नाम चर्चा में आया हुआ है.
सीकर में अनिल पांड्या के घर पर कार्रवाई- वहीं, सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में भी एनआईए की टीम ने कुख्यात गैंगस्टर अनिल उर्फ पांड्या के घर पर छापेमारी कार्रवाई को अंजाम दिया है. छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस को किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी गई है. पांड्या फतेहपुर शेखावाटी के सदर थाना इलाके का हार्डकोर अपराधी है और वह पिछले 3 वर्षों से जमानत पर है. इसके खिलाफ करीब 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. वह अक्टूबर 2013 में सांचौर के जेल से फरार होकर गुजरात गया था. उसकी गैंग के कई गुर्गे जेल में उससे मिलने गए थे. इसके बाद जयपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद किया. उसके खिलाफ अजमेर जेल के डिप्टी जेलर और गार्ड पर भी जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज है.