जयपुर. घाटे में चल रहा तिलम संघ का राजफैड और पीएलडीबी का सीसीबी में विलय होगा. गुरुवार को सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना की अध्यक्षता में मंत्री मंडल सब कमेटी की पहली बैठक में इसको लेकर चर्चा हुई. हालांकि अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा जिसके बाद उसपर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
घाटे में चल रहा तिलम संघ का राजफैड और पीएलडीबी का सीसीबी में होगा विलय सहकारिता से जुड़ी अड़चनों को सुलझाने के लिए मंत्री उदयलाल आंजना की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल सब कमेटी की पहली बैठक गुरुवार को सचिवालय में हुई. इस दौरान बैठक में मंत्री उदयलाल आंजना के साथ उद्योग मंत्री प्रसादी लाल मीणा और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया मौजूद रहे. हालांकि मंत्रिमंडल सब कमेटी में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया भी थे लेकिन उनको कोरोना पॉजिटिव होने के चलते वे बैठक में शामिल नहीं हुए. मंत्रिमंडल सब कमेटी की पहली बैठक के बाद सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि बैठक में उन सभी बिंदुओं पर बात हुई जिस कारण घाटा हो रहा है. उन्होंने कहा कि तिलम संघ को राजफैड में और पीएलडीबी का सीसीबी में विलय करने पर भी चर्चा हुई.
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बैठक में बात यह सामने आई कि तिलम संघ वर्तमान में लगभग 167 करोड़ रुपए से भी अधिक के घाटे और लगभग 151 करोड़ से अधिक की देनदारी से जूझ रहा है. ऐसे में सहकारी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है. इस दौरान आंजना ने कहा कि 1991 से पहले तिलम संघ राजफैड का ही हिस्सा था, लेकिन विश्व बैंक की शर्तों के आधार पर 1991 में राजफैड से अलग होकर तिलम संघ की स्थापना की गई थी और वर्ष 2008 में तिलम संघ के तीनों उत्पादन संयंत्र कोटा, श्रीगंगानगर और फतहनगर बंद है, इन संयंत्रों की मशीनरी भी पुरानी हो चुकी है.
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सहकारिता मंत्री ने कहा कि तिलम संघ के राजफैड में विलय से राजफैड को भी फायदा होगा और राजफैड में अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों की भी पूर्ति हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तिलम संघ के पास बाजार दर से लगभग 500 करोड़ की संपत्तियां हैं, जो रास्ते में तिलम संघ के विलय होने पर राजफैड के पास आ जाएगी. इसी तरह पीएलडीबी का भी सीसीबी में विलय किया जाएगा.
मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि तिलम संघ और पीएलडीबी के विलय के प्रस्ताव को तैयार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भेजा जाएगा, फिर यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा, उसके बाद इस पर निर्णय होगा, लेकिन यह सरकार की मंशा है कि तिलम संघ और पीएलडीबी का जो घाटे में चल रहा है उसे समायोजित कर दिया जाए , ताकि इसकी घाटे की पूर्ति की जा सके.