कोटपूतली (जयपुर). हर तरफ कोरोना वायरस से बचाव के उपाय किये जा रहे हैं. दिल्ली और जयपुर के बीच नेशनल हाईवे नंबर 48 पर जो सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, वो कोटपूतली में स्थित राजकीय बीडीएम अस्पताल है. कोटपूतली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में संक्रमण से बचने के लिए क्या किया गया है. ईटीवी भारत ने इसकी जांच पड़ताल की.
कोटपूतली का अस्पताल कोरोना से लड़ने के लिए तैयार जांच में सामने आया कि अस्पताल में रोजाना 3 से 4 हजार मरीजों की ओपीडी है. ऐसे में यहां संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा हो सकता है, इसीलिए अस्पताल प्रशासन ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए अलग से आइसोलेटेड वार्ड बना दिया है.
डॉक्टर्स और स्टाफ को स्पेशल ट्रेनिंग
आइसोलेटेड वार्ड में 5 बेड, वेंटीलेटर और लाइफ सपोर्टिंग मशीनें लगाई गई हैं. कुछ कोरोना वायरस के लिए डॉक्टर्स और स्टाफ को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है. अगर कोई मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो ऐसे केस के लिए सिंगल बेड वाले 5 वार्ड भी तैयार रखे गए हैं.
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अस्पताल ने अपनी तरफ से तैयारी की है, लेकिन जागरूकता को लेकर कहीं न कहीं भारी कमी नजर आ रही है. लोगों का कहना है कि कोरोना के बारे में उन्होंने सुना तो है पर इससे बचने के लिए क्या करें, इसके प्रचार प्रसार में अस्पताल के स्तर पर कमी दिख रही है.
स्थानीय निवासियों का कहना हैं कि यहां जागरुकता के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. हमें जितनी भी जानकारी मिल रही है वह मीडिया के माध्यम से मिल रही है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस का इलाज है, बस थोड़ी सी सावधानी रखने की जरुरत है. जैसे कि भीड़ वाली जगह पर जाने से बचें, जुकाम बुखार से पीड़ित लोगों से दूर रहें, सफाई पर ध्यान दें और मुस्कुराते रहें.