जयपुर. उपचुनाव से लेकर अब तक अपने पैर की चोट से जूझ रहे जयपुर के मेयर विष्णु लाटा एक बार फिर खुद को पंगु महसूस कर रहे हैं. लेकिन इस बार उनका इलाज किसी डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि निर्वाचन अधिकारी के पास है.
'पंगु' महसूस कर रहे जयपुर के मेयर विष्णु लाटा ने निर्वाचन अधिकारी से मांगी ये इजाजत
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगे हुए करीब एक महीने का समय बीत चुका है. ऐसे में शहर की सफाई, सीवर और दूसरे कामों को लेकर मेयर विष्णु लाटा ना तो औचक निरीक्षण कर पा रहे हैं और ना ही कोई मीटिंग ले पा रहे. ऐसे में विष्णु लाटा अब निर्वाचन अधिकारी से निरीक्षण और मीटिंग की स्वीकृति मांग रहे हैं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी होने के चलते शहर के मेयर विष्णु लाटा शहर की सफाई, सीवर, आवारा पशु प्रबंधन और सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. उनका कार्यकाल भी काफी छोटा रहने वाला है. ऐसे में लाटा ने अब निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर आचार संहिता के दौरान औचक निरीक्षण और मीटिंग आयोजित करने की स्वीकृति मांगी है. हालांकि इस संबंध में निर्वाचन अधिकारी की ओर से अब तक किसी तरह का जवाब नहीं आया है.
दूसरी ओर, इस पत्र का एक कारण मेयर और आयुक्त के बीच चल रही खींचतान को भी माना जा रहा है. दरअसल, आयुक्त लगातार शहर के दौरे कर रहे हैं, जबकि मेयर हाथ पर हाथ धरे बैठने को मजबूर हैं. ऐसे में अब अपने पद का इस्तेमाल करने के लिए मेयर निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेना चाह रहे हैं.