जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने हेरिटेज इमारतों से छेड़छाड़ कर बने अवैध निर्माण के मामले में जयपुर नगर निगम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वहीं दो अन्य याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य निदेशक और स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी किया है. जिसमें फार्मेसी इंस्टीट्यूट का एनओसी और मेडिकल ऑफिसर भर्ती- 2018 मामले शामिल हैं.
राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम को विस्तृत शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि परकोटे की हेरिटेज इमारतों से छेड़छाड़ कर हुए अवैध निर्माणों को किस तरह हटाया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने निगम को यह भी बताने को कहा है कि अदालती आदेश की पालना में अब तक क्या कार्रवाई की गई. मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश के एस अहलूवालिया की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को नगर निगम की ओर से कहा गया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते अवैध निर्माण के आंकड़े एकत्रित नहीं हो सके हैं. ऐसे में अदालती आदेश की पालना के लिए समय दिया जाए. वहीं न्याय मित्र शोभित तिवाड़ी की ओर से कहा गया कि नगर निगम कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. निगम की ओर से कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने निगम से विस्तृत शपथ पत्र पेश कर की जाने वाली कार्रवाई का एक्शन प्लान मांगा है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में आदेश देते हुए अवैध निर्माणों की सूची पेश कर उन्हें हटाने की कार्ययोजना मांगी थी.
फार्मेसी इंस्टीट्यूट के एनओसी मामले में स्वास्थ्य निदेश को कोर्ट में पेश होने के आदेश
वहीं हाईकोर्ट ने फार्मेसी इंस्टीट्यूट के लिए राज्य सरकार की ओर से एनओसी जारी करने की अनिवार्यता को लेकर अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को 8 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता संस्था में प्रवेश के लिए छात्रों की काउंसिलिंग शुरू कराने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश श्रीबालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है.
याचिका में कहा गया कि एआईसीटीई याचिकाकर्ता संस्था को फार्मेसी कोर्स चलाने की अनुमति दे चुकी है. वहीं उसे फार्मेसी के 60 सीटें भी आवंटित की गई है. दूसरी ओर संस्था के भवन आदि का भी निरीक्षण किया जा चुका है. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से उसे एनओसी जारी नहीं की जा रही है. जिसके चलते आवंटित सीटों पर छात्रों की काउंसलिंग नहीं हो पा रही है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोर्स संचालित करने के लिए राज्य सरकार की एनओसी की जरूरत भी नहीं होनी चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए करते हुए एकलपीठ ने अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को तलब करते हुए छात्रों की काउंसिलिंग कराने को कहा है.
मेडिकल ऑफिसर भर्ती- 2018 मामले में स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी किया है. जिसमें विभाग से मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2018 में खाली रहे पदों के लिए वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने पर जवाब मांगा गया है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश डॉक्टर कपिल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने मार्च 2018 में मेडिकल ऑफिसर के पदों पर भर्ती निकाली. जिसका जुलाई माह में परिणाम जारी किया गया. याचिका में कहा गया कि नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने पद ग्रहण नहीं किया. जिसके चलते कुछ पद खाली रह गए. वहीं विभाग ने खाली पदों को भरने के लिए वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों के नामों पर विचार नहीं किया. इसके अलावा विभाग की ओर से कुछ अपात्र अभ्यर्थियों का भी चयन कर लिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.