जयपुर. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए अलवर मामले को दुर्भाग्यपूर्ण माना. उन्होंने यह भी माना है कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं. अलवर मामले को लेकर गहलोत ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि मामले की जांच पुलिस ऑफिसर स्कीम के अंतर्गत की जाएगी और कोई भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. गहलोत ने दूसरा फैसला लेते हुए कहा कि जैसे एसटी, एससी मामलों की मॉनिटरिंग नोडल ऑफिसर करता है वैसे ही महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को लेकर सरकार ने सर्किल ऑफिसर (सीओ) का नया पद सृजित किया है जो सिर्फ महिलाओं से जुड़े मामलों पर ही मॉनिटरिंग करेगा.
गहलोत सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर लिए 3 बड़े फैसले
अलवर में विवाहिता से दुष्कर्म के बाद सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान पुलिस प्रशासन और महिला सुरक्षा को लेकर तीन बड़े फैसले लिए है.
गहलोत ने तीसरा फैसला लेते हुए कहा कि अगर कोई थानाधिकारी थाने में मामला दर्ज नहीं करता है तो एसपी ऑफिस में नया प्रावधान किया जा रहा है जहां पीड़ित एसपी ऑफिस में एफआईआर दर्ज करवा सकता है और फिर थानाधिकारी की मॉनिटरिंग भी की जाएगी. आखिर क्यों थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और थाना अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. गहलोत ने पूर्व बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व गृहमंत्री इस तरह की घटनाओं की सराहना करते रहे, हौसला अफजाई करते रहे जिसके कारण राजस्थान में घटनाओं की संख्या बढ़ी है. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस सरकार आते ही सबसे पहले डीजी पुलिस को निर्देश दिए गए थे कि मामलों की संख्या की चिंता ना करें, थाने में जो मामला आएगा उसका केस दर्ज करें. लेकिन पूर्व बीजेपी सरकार में क्राइम रेट को कम करने के लिए मामले को दबा दिया जाता था लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद मामले थाने तक पहुंचने लगे हैं जिससे संख्या में इजाफा हुआ है.