दूदू (जयपुर).हरसोली ग्राम पंचायत में तीन गांव आते हैं, जिनमें अधिकतर समस्या थी तो सिर्फ अतिक्रमण की. सरपंच बन गए, लेकिन 20 साल तक आए और चले गए. लेकिन जैसे ग्राम पंचायत सरपंच के चुनाव आए तो युवाओं ने और ग्रामीणों ने एक ही बात कही, की जो सरपंच गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाएगा. उसे ही गांव वाले सरपंच बनाएंगे. उसके बाद माधुराम मेघवंशी ने गांव के बीच गए और कहा कि विकास तो होगा ही. लेकिन गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाना ही मेरी पहली प्राथमिकता होगी.
प्रशासन के आगे नत मस्तक हुए भूमाफिया जैसे ही माधुराम मेघवंशी सरपंच के पद पर निर्वाचित हुए तो उन्होंने दो दशक से हो रहे सरकारी स्कूल खेल मैदान से 19 बीघा जमीन को अतिक्रमण को प्रशासन और पुलिस बल के बीच जेसीबी की सहायता से हटाया. बाद में शुरू कर दी 800 बीघा गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, जिस पर गोचर भूमि पर जेसीबी की से 298 बीघा भूमि से अतिक्रमण हटाया गया.
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हरसोली ग्राम पंचायत में करीबन 13 सौ बीघा भूमि गोचर के लिए अलॉटमेंट है, जिसके ऊपर दबंगों ने अपनी दबंगई के चलते 800 बीघा भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है. इसके बाद पंचायत ने कोरम की बैठक में प्रस्ताव लिया. गांव में सभी समाज के लोग रहते हैं. सभी लोग भाई चारे से मिल-जुलकर रहते हैं. अतिक्रमण को हटाने से पहले सभी से बातचीत की गई और 280 बीघा से अतिक्रमण हटाया गया.
जयपुर कलेक्टर के निर्देश पर दूदू एसडीएम राजेंद्र सिंह शेखावत और नायब तहसीलदार महेश शर्मा पुलिस जाब्ते के साथ हरसोली गांव पहुंचे. भूमि चिन्हित कर तीन जेसीबी की सहायता से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. जहां पर अतिक्रमियों ने अधिकतर गोचर भूमि से फसल उगा रखी थी.
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हरसोली ग्राम पंचायत के सरपंच माधुराम मेघवंशी ने जनता से जो वादा किया था, आखिर वह पूरी शिद्दत से निभाया. जयपुर ग्रामीण में एक नजीर पेश की है. अन्य ग्राम पंचायत सरपंचों को भी और ग्रामीणों को भी हरसोली गांव से सीख लेने की जरूरत है. क्योंकि आज भी हर गांव ढाणी में गोचर भूमि पर अतिक्रमण हो रखा है और पशु आवारा घूम रहे हैं. प्रशासन को भी इस मामले में आगे आने की जरूरत है.