जयपुर.राजधानी के संजय सर्किल थाना इलाके में MBBS Admission Fraud केस दर्ज कराया गया है. दर्ज शिकायत में बताया गया है कि नीट 2021 परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी श्रीगंगानगर की एक छात्रा का सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन कराने का सपना दिखा 11.41 लाख रुपए ठग लिए गए (online MBBS Admission Fraud). ठगी की वारदात को लेकर छात्रा के पिता ने मंगलवार देर रात पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
प्रकरण की जांच संजय सर्किल थानाधिकारी मोहम्मद सफीक खान कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि परिवादी की बेटी ने नीट 2021 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जिन कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन मिलने की संभावना थी वहां पर काउंसलिंग के लिए अप्लाई किया. जनवरी माह में दिल्ली से यश चतुर्वेदी नाम के एक व्यक्ति ने फोन कर परिवादी की बेटी का एडमिशन राजस्थान के किसी भी सरकारी कॉलेज में मैनेजमेंट सीट पर एमबीबीएस में कराने का आश्वासन दिया.
फ्रॉड ने परिवादी और उसकी बेटी को दिल्ली आकर मिलने के लिए कहा. जिस पर फरवरी माह में परिवादी अपनी बेटी को लेकर यश चतुर्वेदी के नई दिल्ली स्थित कार्यालय पहुंचा. जहां यश चतुर्वेदी ने परिवादी के बेटी के तमाम दस्तावेज अपने पास रख लिए और भीलवाड़ा के सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन कराने का आश्वासन दिया. साथ ही कॉलेज फीस और काउंसलिंग फीस के नाम पर 11.41 लाख रुपए की मांग की.
फर्जी अलॉटमेंट लेटर दिखा शुरू की ठगी-मार्च 2022 में यश चतुर्वेदी के कार्यालय से चारु नामक एक महिला ने परिवादी को फोन कर खुद को यश की पीए बताया और परिवादी की बेटी का एडमिशन संबंधित अलॉटमेंट लेटर व्हाट्सएप पर भेज कर कुछ राशि खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहा. इसके बाद अप्रैल माह में यश ने परिवादी को फोन कर श्रीगंगानगर से जयपुर बुलाया और आरयूएचएस जयपुर में आयोजित होने वाली तीसरी राउंड की काउंसलिंग के जरिए भीलवाड़ा के सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन कराने की बात कही.
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दिलासा दे ठगे लाखों-जयपुर में ठग ने परिवादी और उसकी बेटी को एक होटल में बुलाया और अलॉटमेंट लेटर व एडमिशन के दस्तावेज दिखाकर लाखों रुपए की राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली. साथ ही यश ने 2 दिन में भीलवाड़ा के सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन हो जाने की बात कह एडमिशन फीस की रसीद शाम तक देने की बात कही. 2 दिन बीत जाने के बाद जब परिवादी ने यश को फोन कर एडमिशन फीस की रसीद और एडमिशन के बारे में बात नहीं की तो यश ने कुछ दिन इंतजार करने का कहा. 1 महीना बीत जाने के बाद भी परिवादी की बेटी के एडमिशन को लेकर यश ने कोई दस्तावेज नहीं दिया और साथ ही उसने अपने तमाम मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिए.
इस तरह चला ठगी का पता- ठग के बदलते सुर पर परिवादी को शक हुआ. फिर उन्होंने उन अलॉटमेंट लेटर के बारे में भीलवाड़ा स्थित सरकारी कॉलेज से जानकारी जुटाई जो उसने भेजे थे. तभी पता चला कि वो अलॉटमेंट लेटर भी फर्जी था. इसके बाद यश ने परिवादी को व्हाट्सएप मैसेज भेज कर उससे ली गई तमाम राशि वापस लौटाने का आश्वासन दिया और नवंबर माह में यश ने राशि लौटाने से इंकार कर दिया. इस तरह से ठगी का शिकार होने के बाद परिवादी ने मंगलवार को संजय सर्किल थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश करना शुरू किया है.