जयपुर. गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर (Gehlot raising Rahul slogan) के कालवाड़ में विकास कार्यों के शुभारंभ के मौके पर जनसभा में जय सियाराम का नारा लगवाया. इस नारे के पीछे अब सियासी मायनों को राजस्थान की सरजमी पर तलाशा जाने लगा है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इस नारे की शुरुआत के बाद राजस्थान के झालावाड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने इस बारे में खुलकर बात की थी. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते हुए कहा था कि अकेले राम की बात करने वालों के मन में महिलाओं के प्रति सम्मान (Congress soft Hindutva politics) नहीं है. लेकिन कांग्रेस जय सियाराम बोल कर समाज में अन्याय का शिकार हो रही महिलाओं को भी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है. ऐसे में राहुल गांधी के इस नारे को माना जा रहा है कि कांग्रेस आने वाले चुनाव में मूल मंत्र बनाकर उतरेगी. इस बात का इशारा उन बातों में भी मिलता है, जो भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में अमल में लाई गई थी.
खास तौर पर सवाई माधोपुर में प्रियंका गांधी की मौजूदगी में महिलाओं के साथ भारत जोड़ो यात्रा तो यही संकेत दे रहा है. माना (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) जा रहा है कि इस नारे के साथ राहुल गांधी अपने पुराने राजनीतिक गुरु दिग्विजय सिंह की बताई राह पर चल रहे हैं और सीएम गहलोत भी इस रणनीति को अपना कर भाजपा और आरएसएस को घेरने में जुटे हैं. गौरतलब है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने राजस्थान समेत अभी तक देश के नौ राज्यों के 45 जिलों में सफर किया है. इस दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बड़े आरोप भी लगाए. उन्होंने (Rahul Jai Siyaram slogan) आरएसएस पर महिलाओं को दबाने और सम्मान न देने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने भारत जोड़ों यात्रा के दौरान अपने इस बयान पर जोर देकर कहा कि इसी वजह से आरएसएस संगठन में कोई महिला सदस्य नहीं है. उन्होंने कहा कि इन दोनों की योजना डर और नफरत फैलाने की है. भाजपा-आरएसएस वाले कभी जय सियाराम नहीं कहते, बल्कि जय श्रीराम बोलते हैं. ऐसा करके वो देवी सीता का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जय सियाराम बोलने से भगवान राम और देवी सीता दोनों का सम्मान होता है.
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यूपी में महिला हूं, लड़ सकती हूं के बाद अब हक की बात - साल 2023 में कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य में चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस राहुल गांधी के राम के जरिए देश की आधी आबादी को साधना चाह रही है. यूपी में प्रियंका गांधी के महिला हूं, लड़ सकती हूं के नारे के बाद अब बिना सीता के राम अधूरे की थ्योरी ने कांग्रेस की बदलती राजनीति के संकेत दे दिए हैं. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारत जोड़ो यात्रा के प्रस्थान के बाद अपनी पहली सभा में इस बात का संकेत भी दे दिया है कि कांग्रेस किस दिशा में आगे बढ़ने वाली है. माना यह भी जा रहा है कि प्रियंका गांधी राजस्थान में टोंक सवाई माधोपुर सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए संभावनाओं की तलाश कर रही है. ऐसे में महिलाओं के मुद्दे के साथ बीते दिनों प्रियंका गांधी की इन दोनों जिलों में कदमताल और उसी जगह भारत जोड़ो यात्रा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी काफी कुछ इशारा कर रहा है. गौरतलब है कि प्रदेश की महिला विधायकों को इस दौरान खास तवज्जो देखी गई थी.
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