जयपुर. राजधानी के खो नागोरियान के मदीना नगर में गुरुवार सुबह अखबार के रुपए मांगने पर कुल्हाड़ी से हॉकर की गर्दन काटकर हत्या करने के बाद उपजे विवाद पर सीएम अशोक गहलोत ने विपक्ष को राजनीति नहीं करने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि हर चीज को धर्म के नाम से जोड़ कर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
खो-नागोरियान प्रकरण पर मुख्यमंत्री ने धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करने की दी नसीहत पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं होती है तो सबको दुख होता है. एक व्यक्ति जो विक्षिप्त बुद्धि का है उसने यह हरकत कर दी. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को पूरा समाज चाहे वह हिन्दू हो, मुस्लिम हो, या फिर कोई भी बिरादरी के हो सबको उस रूप में कंडेम भी करना चाहिए. सजा मिले वह भावना होनी चाहिए बजाय इसके हर चीज को धर्म के नाम से जोड़ करके राजनीति करने लग जाएं, जो कि अच्छी बात नहीं है.
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साथ ही सूबे के मुखिया ने कहा कि ऐसी घटनाएं देश में भी होती है और प्रदेश में भी होती है. लेकिन वह इसको दूसरे राज्यों से कंपेयर नहीं करना चाहते है. उन्होंने कहा कि वहीं अन्य राज्यों के मुकाबले में हमारी पुलिस मुस्तैद बने और नंबर एक पर आए. ये पुलिस महकमे पर उन्होंने विश्वास जताया. लेकिन कल हुए प्रकरण को बीजेपी ने पुरजोर तरीके से उठाया और प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया. यही वजह है कि सरकार ने बढ़ते विरोध के चलते एसएचओ को संस्पेंड कर पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आश्वासन दिया.
बता दें कि गुरुवार को अखबार के 300 रुपए लेने गए हॉकर मन्नू वैष्णव की रफीक खान नाम के व्यक्ति ने कुल्हाड़ी से गर्दन काट कर निर्मम हत्या कर दी. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और पीड़ित परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने पुलिस थाने का घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और थाने पर पथराव कर दिया. जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें करीब 20 लोग घायल हो गए. इस बीच पुलिस की बर्बरता के खिलाफ बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ीलाल मीणा, रामचरण बोहरा, और विधायक अशोक लाहोटी के अलावा भाजपा के कई नेता धरने पर बैठ गए. इसके बाद दबाव में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए देर रात थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह को सस्पेंड किया गया है.