जयपुर. पूरे देश में न्यू पेंशन स्कीम का विरोध बढ़ता जा रहा है. कर्मचारी न्यू पेंशन की जगह वापस ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों ने जयपुर के जीपीओ कार्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया.
जयपुर में एनपीएस के विरोध में प्रदर्शन बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों ने केंद्र सरकार कर्मचारी और श्रमिक महासंघ राजस्थान के बैनर तले 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. धरने में आयकर विभाग, डाक विभाग, रेलवे, बीएसएनएल विभाग सहित केंद्र सरकार के सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना से कर्मचारियों को काफी नुकसान है क्योंकि नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर निर्भर है. अगर शेयर बाजार गिर गया तो कर्मचारियों की पेंशन भी डूब जाएगी.
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कर्मचारियों की मुख्य 10 सूत्री मांगों -
- न्यू पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन बहाल की जाए
- 56(जे) वापस लेने की मांग की
- दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने की मांग की
- मजदूर विरोधी कानून वापस लिया जाए
- निजीकरण और आउटसोर्सिंग को बंद करने की मांग ग्रामीण डाक सेवकों को नियमित करने की मांग की
- 7 लाख खाली पदों को भरने की मांग
- अनुकंपा नियुक्ति पर 5 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करने की मांग
- 5 बार बाउंड प्रमोशन की मांग
केंद्र सरकार कर्मचारी और श्रमिक महासंघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक राजेंद्र मीणा ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. धरने पर बैठकर सभी कर्मचारियों ने सरकार की कर्मचारी नीतियों के खिलाफ विरोध जताया है. धरने में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी और पदाधिकारी शामिल हुए हैं. कर्मचारियों की मुख्य मांग नई पेंशन योजना को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग है. निजीकरण को बंद किया जाए. इसके साथ ही प्रत्येक कर्मचारी को अपने करियर में 5 प्रमोशन कम से कम दिए जाने चाहिए.
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कर्मचारी के अनुसार जब तक महंगाई बढ़ती है तो पुरानी पेंशन योजना में महंगाई भत्ते का प्रावधान है और प्रत्येक 10 साल बाद में आने वाला पे कमीशन का लाभ भी पुरानी पेंशन में लागू होता है. नई पेंशन योजना में यह दोनों प्रावधान छीन लिए गए हैं. नई पेंशन योजना में महंगाई बढ़ेगी तो कर्मचारी की कमर टूटेगी. पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन जो कि अंतिम मूल वेतन के 50 प्रतिशत की गारंटी है. वहीं नई पेंशन योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
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अगर शेयर मार्केट डूब जाता है तो हो सकता है कि एक लाख वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी को अगले ही महीने 2 से 3 हजार रुपये की ही पेंशन मिले. नई पेंशन योजना को लागू करके कर्मचारी के पेंशन के अधिकार को छीन लिया गया है. जिससे 60 साल की उम्र पार करने के बाद कर्मचारी बिल्कुल बेसहारा हो जाएगा.