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सीबीआई की अपील खारिज, पाकिस्तानी नागरिक को दोषमुक्त करने का आदेश सही

राजस्थान हाइकोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक के कब्जे से नकली नोट मिलने के मामले में सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया

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Published : Apr 9, 2019, 1:17 PM IST

राजस्थान हाइकोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक के कब्जे से नकली नोट मिलने के मामले में सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक के कब्जे से नकली नोट मिलने के मामले में सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने पाक नागरिक को दोषमुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को सही माना है. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकल पीठ ने यह आदेश सीबीआई की ओर से दायर आपराधिक अपील को खारिज करते हुए दिए.

राजस्थान हाइकोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक के कब्जे से नकली नोट मिलने के मामले में सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया

आपको बता दें कि अपील में कहा गया कि पार्क निवासी मोहम्मद यूसुफ 23 फरवरी 2013 को थार एक्सप्रेस के जरिए पाकिस्तान से भारत आया था. मुनाबाव स्टेशन पर तलाशी के दौरान उसके कब्जे में 30 हजार भारतीय रुपए निकले. इसकी जांच में 20 हजार रुपए नकली पाए गए.

वहीं अपील में यह भी कहा गया कि पाकिस्तानी नागरिक पाक से भारतीय मुद्रा नहीं ला सकता है. ऐसे में निचली अदालत की ओर से आरोपी को गलत तरीके से बरी किया गया. वहीं पाक नागरिक की ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि वह पाकिस्तानी मनी एक्सचेंज से पाक मुद्रा को भारतीय मुद्रा में बदलवा कर लाया था.

वहीं दोनों तरह के नोट दिखने में भी एक समान थे. इसके अलावा उसने इन नोटों को कहीं चलाने का प्रयास भी नहीं किया, बल्कि मौके पर उसने स्वयं ही अपनी करेंसी क्लियर कराने के लिए अधिकारियों के समक्ष पेश की थी. ऐसे में ना तो उसे नकली नोटों की जानकारी थी और ना ही उसका इन्हें चलाने का आशय था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकल पीठ ने निचली अदालत के फैसले को सही मानते हुए. सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया है.

वहीं दूसरी ओर राजस्थान हाईकोर्ट ने लोक परिवहन सेवा के परमिट लेने के मामले में लंबित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण नहीं करनी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए. याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.
न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकल पीठ ने यह आदेश विपिन कुमार शर्मा व एक अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने भरतपुर से बल्लभगढ़ सहित अन्य रूट के लिए लोक परिवहन सेवा के परमिट के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था.

इस प्रार्थना पत्रों को पेश किए एक सप्ताह का समय होने के बावजूद परिवहन अधिकारी इन्हें तय नहीं कर रहे हैं. ऐसे में परिवहन अधिकारी को प्रार्थना पत्रों के निस्तारण के दिशा निर्देश दिए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे व्यर्थ में याचिका पेश करना बता कर पांच-पांच हजार रुपए के हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी है.

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