जयपुर/हैदराबाद. अशोक गहलोत सरकार पर कोई खतरा नहीं है. हाल-फिलहाल तो दिखाई नहीं देता. संकट आया भी तो पहले कर्नाटक और मध्य-प्रदेश की सरकारों पर आयेगा. राजस्थान पर आंच पहले तो पहुंचेगी नहीं. पहुंची भी तो उसमें समय लगेगा. यह कहना है राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भंडारी का.
भंडारी राजस्थान में बीते 40 सालों से पत्रकारिता कर रहे हैं. अंग्रेजी और हिन्दी के जाने-माने अखबारों में काम किया है. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक-गहलोत के साथ ग्रेजुएशन किया है. वे कहते हैं कि गहलोत उनके मित्र हैं इसलिए नहीं कह रहे हैं लेकिन जो मौजूदा स्थिति में उसमें गहलोत सरकार पर कोई आंच नहीं आने वाली है.
कर्नाटक, मध्य-प्रदेश की आंच...राजस्थान तक नहीं आएगी - भंडारी दिक्कत आई भी तो कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति से आएगी. उनका इशारा सचिन पायलट की ओर था. लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि तलवार की धार पर टिके बहुमत पर राहुल गांधी कोई पासा नहीं खेलना चाहेंगे. राहुल देश खो चुके हैं. वे अब राज्य नहीं खोना चाहते हैं. राजस्थान उनका पसंदीदा राज्य है. गहलोत उनके चाणक्य रहे हैं. गहलोत ने ही राहुल को तगड़ा गुजरातदिया है. वे गहलोत को नजरअंदाज नहीं कर सकते है.
भंडारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस में किसी की विफलता पर ईनाम नहीं मिलता. राजस्थान में इन चुनावों में विफल हुए हैं गहलोत. लेकिन इसे साझा पायलट को भी करना होगा. जब विजय साझा की है तो विफलता भी साझा करनी होगी. दूसरे, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि अब वे बदनीयता के इरादे से काम नहीं करेंगे. लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने ऐसा नहीं कहा. पीएम मोदी को देश चलाना है. हो सकता है वे ऐसा ना करें. लेकिन शाह को किसी ने नहीं रोका है. देखते हैं. क्या होता है.