जयपुर.अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-1 जयपुर जिला ने श्रम न्यायालय के अवार्ड की पालना नहीं करने से जुड़े मामले में उद्योगपति और मैसर्स बीएसईएस लिमिटेड, मुंबई के प्रबंध संचालक अनिल अंबानी के खिलाफ 500 रुपए का जमानती वारंट जारी किए (bailable warrant issued against Anil Ambani) हैं. अदालत ने आरोपी को 21 मार्च को तलब किया है. अदालत ने यह आदेश शंभू सिंह के दावे पर सुनवाई करते हुए दिए.
प्रकरण के अनुसार शंभू सिंह ने श्रम न्यायालय में दावा पेश कर कहा था कि वह कंपनी के जयपुर स्थित कार्यालय में कार्यालय सहायक के पद पर तैनात था. कंपनी ने 12 जून, 1997 को उसे बिना कारण बताए काम से हटा दिया. वहीं उसे हटाने से पहले न तो उसे नोटिस जारी किया गया और ना ही सुनवाई का मौका दिया गया. इस पर श्रम न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए 9 सितंबर, 2015 को प्रकरण में शंभू सिंह के पक्ष में अवार्ड जारी कर दिया.
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इसके साथ ही अदालत ने अतिरिक्त श्रम आयुक्त को प्रकरण में पालना करने के आदेश दिए. इस पर परिवादी ने अदालत में परिवाद पेश कर कार्रवाई की गुहार की. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सितंबर 2017 में कंपनी के प्रबंध संचालक अनिल अंबानी के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है. वहीं अब अदालत ने आरोपी के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर तलब किया है.
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उल्लेखनीय है कि अनिल अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के धीरूभाई अंबानी और उनकी पत्नी कोकिलाबेन के छोटे बेटे हैं. मुकेश अंबानी उनसे बड़े हैं. धीरूभाई अंबानी के 2002 में निधन के बाद सम्पत्ति और बिजनेस को लेकर दोनों भाईयों में विवाद हुआ. इसे कोकिलाबेन ने सुलझाया और दोनों भाईयों में बिजनेस का बंटवारा कर दिया था. अनिल के हिस्से में टेलिकॉम, एंटरटेनमेंट, फाइनेंशियल सर्विसेज, पॉवर और इंफ्रास्ट्रक्चर आया था. अनिल 2008 में रिलायंस पॉवर का आईपीओ लाए थे, जो देश का सबसे बड़ा आईपीओ था. एक जमाने में अनिल अंबानी दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार किए जाते थे.