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एक मनचले के फोन से RU की शिक्षिकाओं में दहशत का माहौल, डीजीपी से शिकायत - दहशत

राजस्थान विश्विद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों की शिक्षिकाओं के बीच एक मनचले के फोन कॉल के बाद से दहशत का माहौल है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने गांधीनगर थाने में मामला दर्ज करवाया है. लेकिन अभी तक इस मनचले का अभी तक कोई सुराग लगा है.

राजस्थान विश्विद्यालय की शिक्षिकाओं के बीच एक मनचले के फोन कॉल के बाद से दहशत का माहौल

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Published : Jul 10, 2019, 9:47 PM IST

जयपुर.राजस्थान विश्विद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों की शिक्षिकाओं के बीच पिछले सात दिनों से एक मनचले के चलते दहशत का माहौल बना हुआ है. ये मनचला शिक्षिकाओं को कई दिनों से फोन कर अश्लील बातें कर धमाका रहा है.ये सिलसिला शिक्षिकाओं के साथ 3 जुलाई से शुरू हुआ था और आज भी लगातार जारी है.

पहले इन शिक्षिकाओं के कॉलेज स्तर पर शिकायत की. लेकिन जब कुछ कार्रवाई नहीं हुई तो इन शिक्षिकाओं ने कुलपति आरके कोठारी से शिकायत की. विश्वविद्यालय प्रशासन ने गांधीनगर थाने में मामला दर्ज करवाया है. साथ ही कमिश्नर से भी गुहार लगाई गई है. लेकिन अभी तक इस मनचले का ना तो कोई सुराग लगा है और ना ही नंबर पुलिस ने ट्रेस किया है.

प्रताड़ना की शिकार यह शिक्षिकाएं फिलहाल कुछ कहने को तैयार नहीं हैं, लेकिन जब फोन की घंटी बजती है तो डर चेहरे पर साफ नजर आता है. वहीं, सभी शिक्षिकाओं की पूरी जानकारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट अस्थाई रूप से हटाने के आदेश दे दिए गए हैं.

राजस्थान विश्विद्यालय की शिक्षिकाओं के बीच एक मनचले के फोन कॉल के बाद से दहशत का माहौल

महारानी कॉलेज की अधिकतर शिक्षिकाएं प्रताड़ना की शिकार हो रही है, लेकिन अधिकतर शिक्षिकाओं ने डर के चलते शिकायत नहीं की. वहीं कॉलेज की प्रिंसिपल अल्पना कटेजा ने कुछ शिक्षिकाओं से बात कर उनको शिकायत करने के लिए मनाया. प्रिंसिपल अल्पना कटेजा ने बताया कि पिछले कई दिनों से फोन आ रहे हैं, लेकिन शिक्षिकाएं डर की वजह से किसी को बता नहीं पा रही थीं, लेकिन अब 10 शिक्षकों ने लिखित में शिकायत दी है. हालांकि अधिकतर शिक्षिकाएं शिकायत करने से डर रही हैं.

वहीं, महिला शिक्षिकाओं को परेशान करने वाले मनचलों की जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यूनिवर्सिटी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. छात्र नेताओं ने बताया कि अगर यूनिवर्सिटी की शिक्षिकाओं की ही सुरक्षा नहीं होगी तो छात्राएं कैसे सुरक्षित रहेंगी.

बहरहाल, छात्राओं को प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठाने की सीख देने वाले शिक्षिकाओं का पीछे हटना सोचने वाला विषय है, क्योंकि अगर सीख देने वाली शिक्षिकाओं की प्रताड़ना के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगी तो बच्चों को क्या सीख देंगी. साथ ही सवाल ये भी उठता है कि पिछले एक सप्ताह से चले आ रहे इस प्रताड़ना के दौर के बाद भी आज तक पुलिस के हाथ खाली हैं.

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