डूंगरपुर. प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की पुलिस सामाजिक सरोकार से जुड़े कई ऐसे काम कर रही है. जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है. पहले चितरी थाना पुलिस ने एक अनाथ बेटी की शादी करवाई. अब रामसागडा थाना पुलिस ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए 3 बच्चों को गोद लेकर उनके पालन-पोषण और शिक्षा दिलाने की जिम्मेदारी उठाई है.
पूरा मामला डूंगरपुर के रामसागडा पुलिस थाने का है. जिसने पुलिस विभाग की ओर से चलाये जा रहे विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 3 बच्चों की जिंदगी संवारने का बीड़ा उठाया है. दरअसल, आड़ीवाट गांव के पुष्पेन्द्र व हंसा के माता-पिता ने करीब दो साल पहले नाता प्रथा के तहत विवाह कर लिया था. तब से दोनों भाई-बहिन अपने नाना के पास रह रहे थे. लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें दोनों के पालन-पोषण करने में परेशानी आ रही थी.
रामसागडा थानाधिकारी ने 3 बच्चों को लिया गोद इसी तरह गामडी अहाडा निवासी सुरेश कटारा के पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई थी. जिसके बाद सुरेश की मां ने भी दूसरा विवाह कर लिया था और सुरेश अपने दादा के पास रह रहा था. लेकिन उन्हें भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुरेश के पालन पोषण में परेशानी आ रही थी. जब इसकी जानकारी रामसागडा थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार को मिली तो उन्होंने सामाजिक सरोकार निभाते हुए तीनों बच्चों को गोद लिया. थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार ने बताया चाइल्ड लाइन व जिला बाल कल्याण समिति का सहयोग लेते हुए तीनों बच्चों के मुस्कान संस्थान में रहने की व्यवस्था की. अब तीनों को स्कूल में प्रवेश दिलाकर उन्हें शिक्षा से जोड़ा जाएगा और उनके लालन-पालन में पुलिस पूरा सहयोग करेगी.
डूंगरपुर पुलिस का सामाजिक सरोकार से जुड़ा ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले कोतवाली थानाधिकारी ने थाणा गांव में स्कूली छात्रा के घर पर बिजली कनेक्शन करवाया. ताकि वह अच्छे से पढ़ाई कर सके. चितरी थानाधिकारी अजय सिंह राव ने एक अनाथ बेटी का विवाह करवाया. वहीं गर्मी के दिनों में पशुओं के पानी पीने के लिए थाना क्षेत्र में पांच कुंड बनवाए थे.