डूंगरपुर. कोरोना महामारी ने कई लोगों का रोजगार छीन लिया है. निजी स्कूल शिक्षक भी इससे अछूते नहीं है. निजी स्कूलों के शिक्षक भी रोजगार छीन जाने से आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. कोरोना के कारण मार्च महीने से ही लागू लॉकडाउन के कारण स्कूल और कॉलेज बंद हैं. ऐसे में निजी स्कूलों पर भी ताले लटके हुए हैं, जिससे उनका रोजगार छीन गया है.
निजी स्कूल शिक्षकों के सामने रोजगार का संकट ऐसे में निजी स्कूलों के शिक्षाओं के सामने दो वक्त की रोटी का गुजारा करना भारी पड़ रहा है. सरकार के आदेशों के बावजूद निजी शिक्षण संस्थानों ने मनमानी कर शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जिसके चलते ये शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं और इनको अपना घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. इस बीच अपनी समस्याओं को लेकर राजस्थान स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है.
निजी शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि कोई भी अपने कर्मचारियों को नहीं निकालेगा. उसके बावजूद भी डूंगरपुर जिले के कई शिक्षण संस्थानों ने अपने शिक्षको को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं जिन शिक्षकों को नौकरी पर रख रखा है, उन शिक्षकों को भी पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है.
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निजी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को प्रवेश देकर मोटी फीस वसूलते हुए ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं. वहीं, नौकरी से निकाल देने से अब वे बेरोजगार हो गए हैं और उन्हें अब घर चलाना भी भारी पड़ रहा है. ऐसे में राजस्थान स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करते हुए उन्हें राहत देने की मांग की है.