डूंगरपुर. प्रदेश के दक्षिणांचल में स्थित आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के ग्रामीण अस्पतालों के हाल बेहाल है. इसकी सबसे बड़ी वजह है गांवों के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पद. डूंगरपुर जिले में जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और सागवाड़ा में उपजिला अस्पताल को छोड़कर कहीं भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. गांवों के अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सागवाड़ा में ही रैफर किया जाता है.
डूंगरपुर की बेहाल मेडिकल व्यवस्था डूंगरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 60 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जहां पर कनिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों की स्थिति सबसे खराब है.
स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के 50 पद खाली जिले के 76 अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 54 पद स्वीकृत हैं. लेकिन इन अस्पतालों में सिर्फ 4 विशेषज्ञ डॉक्टर ही कार्यरत हैं. 50 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं. जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों का यह आंकड़ा ही चिकित्सा सेवाओं के हाल बयां करने के लिए काफी है.
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स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के नाम पर खाली अस्पताल
सरकार ने जिले के प्रत्येक ब्लॉक क्षेत्र और बड़े कस्बों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं. ताकि मरीजों को उनके गांव या नजदीकी अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें. उन अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भी स्वीकृत किए. लेकिन इसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं कर पाई.
बेहतर चिकित्सा के लिए भटकते हैं मरीज जिले में नेत्र रोग, क्षय रोग, मेडिसीन, सर्जरी, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ, डेंटिस्ट और एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट के पद खाली हैं. ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं और मरीज भटकने को मजबूर हैं. ऐसे में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से जांच के लिए मरीज को जिला मुख्यालय तक आना पड़ता है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सागवाड़ा अस्पताल पर मरीजों का भार जानिए स्पेशलिस्ट के खाली पदों के हाल
1. नेत्र रोग विशेषज्ञ : 2 पद, जिला मोबाइल यूनिट डूंगरपुर, सीमलवाड़ा
2. क्षय रोग विशेषज्ञ : एक पद, टीबी अस्पताल डूंगरपुर
3. मेडिसीन विशेषज्ञ : 16 पद, सीएचसी दामड़ी, पुराना अस्पताल डूंगरपुर, देवल, चिखली, आसपुर, सरोदा, बुचियाबड़ा में खाली हैं.
4. सर्जरी : 16 पद, सीएचसी दामड़ी, पुराना अस्पताल, देवल, गामड़ी अहाड़ा, सीमलवाड़ा, गलियाकोट, चिखली, डूंगरसारण, आसपुर, ओबरी, सरोदा में खाली हैं.
5. स्त्री रोग विशेषज्ञ : 5 पद, दामड़ी, गलियाकोट
6. शिशु रोग विशेषज्ञ : 6 पद, दामड़ी, पुराना अस्पताल डूंगरपुर, बिछीवाड़ा, सीमलवाड़ा, आसपुर, पूंजपुर
7. एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट : 3 पद, गलियाकोट, आसपुर, सीमलवाड़ा
8. डेंटिस्ट स्पेशलिस्ट : सीएचसी सीमलवाड़ा, पूंजपुर, बिछीवाड़ा और आसपुर में पद खाली हैं.
स्पेशलिस्ट के खाली पदों के हाल वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और बीसीएमओ के पद भी खाली
जिले में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और ब्लॉक सीएमएचओ के पद भी खाली पड़े हुए हैं. वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के 18 पद स्वीकृत हैं. जिसमे से 7 पद खाली पड़े हुए हैं. इसमें ब्लॉक सीएमएचओ डूंगरपुर और बिछीवाड़ा, सीएचसी पुराना अस्पताल, पूंजपुर, बुचियाबड़ा में पद खाली हैं. लेकिन उनके पद के विरुद्ध चिकित्सा अधिकारियों को लगाकर काम चलाया जा रहा है.
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यहां राहत की बात : चिकित्सा अधिकारियों के सभी पद भरे
जिले में भले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों के हाल बुरे हैं. लेकिन चिकित्सा अधिकारियों के पदों को लेकर राहत की खबर है. जिले में 122 चिकित्सा अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं और सभी पद भरे हुए हैं. जिसमें से करीब 60 डॉक्टर अभी ही आये हैं. इससे पहले यह पद भी खाली ही पड़े थे. ऐसे में असपतालों में भले ही स्पेशलिस्ट नहीं मिले लेकिन चिकित्सा अधिकारी से इलाज जरूर करवा सकते हैं.
ब्लॉक सीएमएचओ के पद भी खाली सरकार को भेजी रिपोर्ट
सीएमएचओ डॉ राजेश शर्मा ने बताया की जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों को लेकर रिपोर्ट सरकार को भेजी है. सरकार से विशेषज्ञ डॉक्टर भी मिलने की उम्मीद है. जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भरेंगे और लोगों को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पदों को लेकर समय-समय पर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है.