डूंगरपुर.नगर के प्रवेश द्वारों की अब नगर परिषद द्वारा सुध ली जा रही है. बता दें कि नगर की स्थापना को 700 साल हो चुके हैं और इनके साथ ही इन प्रवेश द्वारों का निर्माण भी करवाया गया था, लेकिन अब ये प्रवेश द्वार ढलते दिनों के साथ जर्जर होते जा रहे हैं.
700 साल पुराने ऐतिहासिक नगर के प्रवेश द्वार का पुरातात्विक पद्धति से होगा जीर्णोद्वार नगर परिषद सभापति केके गुप्ता ने बताया कि करीब 700 साल पहले डूंगरपुर नगर की स्थापना के साथ तत्कालीन शासकों ने नगर की सुरक्षा के लिए परकोटा और प्रवेश द्वार बनवाए थे, जो कालांतर में जर्जर हो गए हैं. ये प्रवेश द्वार स्थापत्य और वास्तु कला के बेजोड़ नमूने हैं और इन्हें अब संरक्षण की जरूरत है. वहीं, नगर की इन ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए अब नगर परिषद आगे आया है.
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सभापति केके गुप्ता ने 31 लाख रुपये स्वीकृत कर पुराने शहर में स्थित कान्हड़ पोल (कानेरा पोल) और चांदपोल दरवाजों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है. इसके साथ ही दोनों ही दरवाजों के लिए कार्यादेश भी जारी कर दिए हैं. गुप्ता ने बताया कि पुरातत्व विशेषज्ञों की देखरेख और उनके निर्देशन में कुशल कारीगरों के द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा, ताकि इन धरोहरों को मूल स्वरूप में वापस लाया जा सके. बता दें कि नगरपरिषद की ओर से इससे पहले जज साहब का दरवाजा का भी जीर्णोद्धार किया गया है.