डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती 2018 में अनारक्षित वर्ग में रिक्त चल रहे 1167 पदों को ST वर्ग से भरने की मांग को लेकर NH 8 पर हुई हिंसा में उपद्रवियों ने सरकार और जनता के करोड़ों रुपए फूंक दिए. इस हिंसा में सरकारी वाहन तो जले ही कई लोगों की दुकानें, होटलों और घरों को भी भारी क्षति पहुंची.
डूंगरपुर हिंसा के यह घाव लोगों के दिलों में वर्षों तक ताजा रहेंगे. लेकिन इन घावों पर मरहम लगाने के लिए प्रशासन ने जिले में हिंसा से हुए नुकसान का सर्वे करवाया है. इस सर्वे में करोड़ों के नुकसान का आकलन हुआ है. इस नुकसान का सरकारी प्रावधान के तहत मिलने वाला मुआवजा भी ऊंट के मुंह में जीरा के समाह होगा.
यह है पूरा मामला...
बता दें, डूंगरपुर जिले में नेशनल हाईवे 8 पर शिक्षक भर्ती 2018 में अनारक्षित वर्ग में रिक्त चल रहे 1167 पदों को ST वर्ग से भरने की मांग को लेकर ST वर्ग के अभ्यर्थियों ने 18 दिन तक धरना दिया था. इसके बाद 24 सितंबर को ST अभ्यर्थियों ने उग्र होते हुए नेशनल हाईवे 8 जाम कर दिया था और 26 सितंबर तक हाईवे पर जमकर लूटपाट, वाहनों, दुकानों और होटलों में तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को अंजाम दिया था. इसमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.
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यह मामला शांत होने के बाद जिला प्रशासन ने सार्वजनिक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और राजस्व विभाग की टीमों से उपद्रव के कारण हाईवे पर हुए नुकसान का सर्वे करवाया. सर्वे में वाहनों और अचल संपत्ति का करीब 6.60 करोड़ से अधिक का नुकसान सामने आया है. इसमें वाहनों में 1,62,50,000 रुपए तो वहीं अचल संपत्तियों का 4,98,55,400 रुपए का नुकसान आंका गया है.
कहां हुआ कितना नुकसानः
पुलिस वाहनों को 30 लाख का नुकसान
उपद्रव की घटना में उपद्रवियों ने एसपी जय यादव, एएसपी गणपति महावर और डीएसपी मनोज सामरिया की सरकारी कार को आग के हवाले कर दिया. टीयूवी 300 प्रत्येक कार की कीमत 8 लाख 50 हजार रुपए बताई गई है. जबकि एक पुलिस बोलेरो को भी उपद्रवियों ने जला दी, जिसकी कीमत 4 लाख रुपए बताई जा रही है. इसके अलावा भी कई पुलिस के वाहनों पर पथराव के कारण नुकसान हुआ है, लेकिन उसका आकलन नहीं किया गया है.
हाईवे पर इन वाहनों से 1.31 करोड़ का नुकसान
हाईवे पर हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने कई प्राइवेट वाहनों में आगजनी की. इसमें 9 ट्रक, कंटेनर और ट्रॉले जलकर खाक हो गए. साथ ही 14 कारें और जीपें भी जला दी, जिसमें एक मर्सडीज बेंज कार भी शामिल है. वहीं, एक जेसीबी ओर 2 बाइक को भी आग के हवाले कर दिया गया था. सर्वे में इससे करीब 1.31 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है.
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वहीं, ट्रक और कंटेनर में जो सामग्री भारी हुई थी, उसे उपद्रवी लूटकर ले गए और उसका कोई आकलन नहीं किया जा सका. बताया जा रहा है कि कंटेनर में कई महंगे जूते और इलेक्ट्रॉनिक आइटम भरे हुए थे. इसे उपद्रवी लूट ले गए और उसका अनुमान ट्रक मालिकों की ओर से सामान का बिल पेश करने पर ही हो सकेगा. लेकिन माना जा रहा है कि सामान का भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. कई वाहन धारियों ने अब तक नुकसान को लेकर कोई केस ही दर्ज नहीं करवाया है, ऐसे में उनकी जानकारी सामने ही नहीं आ पाएगी.
नुकसान करोड़ों का मुआवजे के नाम पर 'जीरा'
हिंसा के नुकसान के किए गए आकलन के मामले में डूंगरपुर जिले के कार्यवाहक कलेक्टर और एडीएम कृष्णपाल सिंह चौहान ने कहा कि नुकसान की प्रशासनिक रिपोर्ट मुआवजे के लिए राज्य सरकार को भेज दी गई है. लेकिन दुःख की बात यह है कि सरकार या आम नागरिक को भले ही नुकसान कितना भी हुआ हो, लेकिन साल 2018 में बनाए गए सरकारी नियम के अनुसार अधिकतम 75 हजार रुपए का ही मुआवजा दिया जा सकता है चाहे वह नुकसान कितना ही बड़ा क्यो नहीं हो.