धौलपुर. हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश से धौलपुर की चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है. चंबल नदी में पानी की आवक अधिक होने पर जलस्तर 139 मीटर पर पहुंच चुका है. लगातार हो रही बारिश से नदी के जलस्तर में और इजाफा होगा.
नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा में अलर्ट जारी किया गया है. जल संसाधन विभाग की टीम जलस्तर के गेज पर पैनी नजर बनाए हुए है. नदी के तटवर्ती इलाकों में हल्का पटवारी, गिरदावर, सचिव और सरपंचों को विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.
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आंगई डैम के 17 गेट किए बंद
सोमवार सुबह आंगई डैम के 19 गेट खोल कर करीब 48000 क्यूसेक पानी रिलीज किया गया था, लेकिन बीती रात डांग क्षेत्र से पानी की कम आवक होने पर जल संसाधन विभाग की ओर से गेज को मेंटेन कर लिया गया. गेज मेंटेन होने पर बीती रात जल संसाधन विभाग ने 17 गेट को बंद कर दिया. हालांकि, दो गेट खोल कर अभी भी पानी रिलीज किया जा रहा है.
कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कटा राहत की खबर यह रही है कि डैम के गेट बंद होने से 48 से अधिक गांवों ने राहत की सांस ली है, लेकिन खतरा बरकरार बना हुआ है. अगर करौली, मंडरायल, बथुआ खोह, डांग क्षेत्र और नागपुर इलाके में अधिक बारिश होती है तो फिर से डैम के गेट खुलने की संभावना बन सकती है, जिसे लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद बना हुआ है. हाड़ौती क्षेत्र में अगर और बारिश होती है तो चंबल नदी की स्थिति और जटिल बन सकती है. फिलहाल जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
राजाखेड़ा: 6 से अधिक गांवों का उपखंड मुख्यालय से कटा संपर्क
वहीं, चंबल का जलस्तर बढ़ने से राजाखेड़ा उपखंड के करीब 6 से अधिक गांवों का उपखंड मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से कट गया है. राजाखेड़ा उपखंड के गांव गढ़ी जाफर, दगरा-बरसला, खोड़, हेतसिंह का पुरा, तालपुरा आदि गांव का उपखण्ड मुख्यालय से पूरी तरह से संपर्क कट चुका है.
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उपखंड मुख्यालय के गांव अंधियारी की रपट पर करीब 8 से 10 फीट पानी की आवक हो चुकी है. चंबल के पानी की आवक को देखते हुए दिहोली थाना क्षेत्र के करीब दर्जन भर गांव में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. चंबल का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
Danger Sign से 8 मीटर ऊपर बह रही चंबल वहीं, ईटीवी भारत ने जब मंगलवार सुबह मौके पर जाकर हालातों का जायजा लिया तो ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित दिखाई दिए. ग्रामीण लकड़ी की नाव में अपनी जान जोखिम में डालकर चंबल के बाढ़ के पानी में आवागमन करते हुए पाए गए. लगातार बढ़ते जा रहे चंबल के जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव के लोगों को चंबल के पानी से दूर रहने की हिदायत दी है.