धौलपुर.धौलपुर में बीजेपी की अंदरूनी कलह एक बार फिर सामने आई है. सैपऊ पंचायत समिति चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भी उपप्रधान के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा.
बीजेपी के प्रत्याशी को सिर्फ एक ही वोट मिला. जबकि कांग्रेस के 9 पंचायत समिति सदस्य चुनकर आए थे. इसके बाद भी कांग्रेस के उपप्रधान प्रत्याशी 14 मत प्राप्त हुए. सबसे बड़ी बात यह रही कि 12 वोट नोटा को मिले हैं. पूरे प्रकरण को लेकर कांग्रेस के नेता लीडर तंज कर रहे है. तो वहीं भाजपा नेता एक गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ रहे हैं
सैपऊ में पंचायत समिति चुनाव जीतने के बाद भी उप प्रधान की सीट हारी बीजेपी भाजपा के पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने कहा कि सैंपऊ पंचायत समिति के प्रधान के चुनाव में तमाम तरह की अफवाह निकल रही है. उन्होंने कहा मतदाताओं से वोट गलतफहमी के कारण नोटा में चला गया. अंधेरे के कारण चुनाव चिन्ह दिखाई नहीं दिया. उसके अलावा विपक्षी दल कांग्रेस के प्रत्याशी का भाग्य भी बुलंद रहा है. हालांकि इस प्रकार की घटनाएं नहीं होती है. लेकिन गलतफहमी एवं मतदान केंद्र में उजाला नहीं होने पर सभी वोट नोटा में चले गए.
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भाजपा में असंतोष और गुटबाजी- कांग्रेस
कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष विनीत कुमार शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के असंतोष एवं गुटबाजी की पोल खुल कर उजागर हुई है. शनिवार को भाजपा को बहुमत मिलने पर इनका प्रधान निर्वाचित हुआ था. उन्होंने कहा 12 मत नोटा में पड़े हैं, वह विचारणीय है. इस पर भाजपा के नेताओं को विचार और मंथन करना चाहिए. कांग्रेस को उपप्रधान चुनाव में 14 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी को सिर्फ एक मत मिला है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जनता भाजपा कारनामों को समझ चुकी है. जिसका नतीजा रहा पंचायत चुनाव में भाजपा का पूरी तरह से सफाया हुआ है.
बहरहाल पूरे पंचायती चुनाव को देखें तो भाजपा में शुरू से ही फूट देखी जा रही थी. जिले की भाजपा राजनीति में सतीश पूनिया गुट एवं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुट में खींचतान देखी गई थी. पंचायत चुनाव के टिकट वितरण में वसुंधरा राजे गुट के कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया था. जिससे अंदरूनी बगावत के कारण जिले में भाजपा को हार देखनी पड़ी है.