दौसा.कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते हुए लॉकडाउन से हर कोई प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान दौसा के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक कोई प्रभावित हुआ है तो वो अन्नदाता यानी किसान हैं. वो दिन-रात मेहनत करके खेतों में फसलें और सब्जियां पैदा करते हैं. लेकिन, इस लॉकडाउन के दौर में उन्हें ना तो फसलों के लिए कीटनाशक मिल रहें हैं और ना ही सब्जियों के सही दाम मिल रहे हैं.
ऐसे में सब्जी पैदा करने वाले किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते कीटनाशक और रासायनिक पदार्थ नहीं मिलने से सारी फसलें चौपट हो गई है. जो थोड़ी बहुत पैदावार हुई है, उन्हें मंडी में आढ़तियों की मनमानी ने खत्म कर दिया है. खेत से जैसे-तैसे सब्जी लेकर आते हैं तो आढ़ती सब्जी रखवा लेते हैं और हमें रवाना कर देते हैं. फिर वो उसे अपनी मनमर्जी के दामों में बेचते हैं और हमें हमारी सब्जियों की औने-पौने दाम पकड़ा देते हैं. आढ़ती सब्जी का जो दाम देते हैं, उसमें सब्जियों के परिवहन और बारदाने (सब्जियों को पैक करने का सामान) का खर्चा भी नहीं निकलता है. लेकिन, खेतों में पड़ी सब्जियों के सड़ जाने के चलते मजबूरन सब्जियों को बाजार में ले जाकर देना पड़ रहा है.