चूरू. मुख्यमंत्री के नाम दिए 21 सूत्रीय मांग पत्र में शाखा के इस प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र 2018 में शिक्षकों की समस्याओं के समाधान करने की प्रतिबद्धता दर्शाई गई थी. जिसमें 1 जनवरी 2004 या इसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों पर लागू अंशदाई पेंशन योजना को समाप्त कर पूर्व की पेंशन नियम ही शिक्षकों पर लागू की जायेगी.
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील जिला शाखा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम 21 सूत्रीय मांग पत्र जिला कलेक्टर को सौपा. जिसमें विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के जन घोषणा पत्र 2018 के तहत की गयी वादों के तहत अपनी मांग रखी.
इसके साथ में राजस्थान के कार्मिकों के लिए समान काम समान वेतन की नीति लागू करने की भी बात की गयी थी. इनकी मांग है कि पूर्व के वेतनमानों में उत्पन्न विभिन्न विसंगतियों का निराकरण कर कार्मिकों का न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए निर्धारित किया जाये और साथ में सातवें केंद्रीय वेतन मान के समस्त परी लाभ लागू किया जाय. साथ में कार्मिकों को पूर्व में देय परिलाभ में कोई कटौती भी नही की जाये.
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उनकी मांग है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एसीपी प्रकरण स्थायीकरण और सभी सेवा संबंधी कार्य ब्लॉक मुख्यालयों पर सीबीईओ द्वारा की जाये. अपने 21 सूत्रीय मांग में उन्होनें यह भी मांग की कि प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को माध्यमिक सेट अप में नहीं लिया जाए और शिक्षकों का सेटअप परिवर्तन विकल्प मानकर किया जाये.