चूरू. शहर में 5 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट के आगे अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति का धरना 22वें दिन भी जारी रहा. धरने पर बैठे इन उर्दू संघर्ष समिति के सदस्य विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है. जिनको राजस्थान मदरसा पैरा टीचर का भी समर्थन मिला हुआ है.
उर्दू बचाओ संघर्ष समिति द्वारा दिया जा रहा धरना राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धरने पर बैठे उर्दू समर्थकों का धरना शनिवार को 22वें दिन भी जारी रहा. 11 सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू समर्थक 10 जुलाई से क्रमिक अनशन पर है. धरना स्थल पर ही इन उर्दू समर्थकों को राजस्थान मदरसा पैरा टीचर ने भी अपना समर्थन दे दिया है.
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पैरा टीचर ने भी अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर सरकार के खिलाफ ताल ठोक रखी है. उर्दू समर्थकों के साथ धरने पर बैठे पैरा टीचरों की मांग है कि उन्हें स्थायी किया जाए. वहीं उर्दू संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने सरकार पर उर्दू के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांग है वह कुछ इस प्रकार है-
- प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए.
- प्रदेश भर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए.
- प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए.
- प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं.
- राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाए.