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मास्टर भंवरलाल मेघवाल पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री और दिग्गज नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी. राजस्थान के चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास पर रखी गई थी.

Last rites of Master Bhanwarlal Meghwal,  Bhanwarlal Meghwal died in medanta
मास्टर भंवरलाल मेघवाल का निधन

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Published : Nov 17, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 10:55 PM IST

चूरू. जिले की सुजानगढ़ तहसील मुख्यालय पर मास्टर भंवर लाल मेघवाल (Master Bhanwarlal Meghwal) की पार्थिव देह का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ चापटिया मोक्ष धाम में अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर दो राउंड फायर कर सलामी दी. इससे पहले ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल, कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से उनकी देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया.

मास्टर भंवरलाल मेघवाल का निधन

बता दें मास्टर भंवरलाल मेघवाल का सोमवार को गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. मंगलवार सुबह उनकी पार्थिव देह सुजानगढ़ में उनके निवास जय निवास पर पहुंची. जैसे ही लोगों को उनके निधन का पता लगा सुजानगढ़ में शोक की लहर छा गई थी. मंगलवार सुबह मास्टर भंवर लाल मेघवाल की पार्थिव देह सुजानगढ़ पहुंचते ही सुजानगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों का उनके निवास पहुंचने का तांता लग गया. सुबह से ही लोग अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि देते रहे.

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हजारों की संख्या में लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए और अंतिम यात्रा में शामिल हुए. जय निवास से शुरू हुई अंतिम यात्रा रेलवे बस स्टैण्ड, कोठारी रोड, गांधी चौक, घंटाघर, स्टेशन रोड, साण्ड चौक होते हुए चापटिया मोक्षधाम पहुंची. रास्ते में लोगों ने पुष्प वर्षा कर अपने नेता को श्रद्धांजलि दी. मेघवाल के सम्मान में शहर के समस्त व्यापार मंडलों के आह्वान पर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर अपने जनप्रतिनिधि को श्रद्धांजलि दी.

इन्होंने दी श्रद्धांजलि...

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, राज्य मंत्री टीकाराम जूली, राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खां बुधवाली, सांसद राहुल कस्वां, तारानगर विधायक नरेन्द्र बुडानिया, राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेवसिंह खण्डेला समेत अन्य लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए.

पायलट ने भेजा पुष्प चक्र...

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से चूरू के कांग्रेस नेता गोविन्द सिंह महनसरिया ने भंवरलाल मेघवाल की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी. बता दें, पायलट के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वे स्वयं उपस्थित नहीं हो सके, इसलिए उन्होंने कांग्रेस नेता गोविंद सिंह महनसरिया को अपना प्रतिनिधि बना कर भेजा.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाले नेता थे. उन्होंने समाज के कमजोर तबके को मजबूत करने के लिए काम किया. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने निधन से अपूरणीय क्षति हुई है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल कुशल व्यवहार के धनी थे, वे एक अच्छे राजनेता की तरह सभी से घुलमिल कर रहते थे. उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मास्टर मेघवाल एक प्रबुद्ध राजनेता के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों में अग्रणी थे और चूरू जिले के विकास में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.

2 जुलाई 1948 को मेघवाल का जन्म...

चूरू जिले के सुजानगढ़ उपखंड की शोभासर ग्राम पंचायत के गांव भागसर पूर्वी में 2 जुलाई 1948 को मास्टर भंवरलाल मेघवाल का जन्म हुआ था. भंवरलाल मेघवाल के एक बेटा और दो बेटियां हैं, जिनमें से जिला प्रमुख रह चुकी उनकी एक बेटी बनारसी देवी का कुछ दिनों पहले ही निधन हुआ था.

सरकारी टीचर से मंत्री तक का सफर...

मास्टर भंवरलाल मेघवाल सरकारी टीचर हुआ करते थे. सुजानगढ़ के राजकीय झंवर स्कूल में वह बतौर पीटीआई कार्यरत रहे. शिक्षक होने के कारण ही उन्हें मास्टर भंवरलाल कहा जाता है. 1977 में शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर विधायक का चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. मेघवाल 1980 में फिर से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. तब से अब तक वह 5 बार विधायक रह चुके.

मास्टर भंवरलाल मेघवाल 1980 में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद 1990 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते. इसके बाद वह 1998 में चुनाव जीते, साल 2008 में फिर चुनाव जीते और प्रदेश के शिक्षा मंत्री बने. 2018 में वो पांचवीं बार चुनकर विधानसभा में आए और गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के पद को संभाला.

मास्टर भंवरलाल जब-जब चुनाव जीतते थे कांग्रेस की सरकार बनती थी...

मास्टर भंवरलाल मेघवाल के साथ एक मिथक भी जुड़ा हुआ था कि वह एक बार चुनाव जीतते थे और दूसरी बार चुनाव हारते थे. जब वह चुनाव जीतते थे तो कांग्रेस सत्ता में भी आती थी. साल 1998 में जब मास्टर भंवरलाल मेघवाल विधायक बने तो कांग्रेस की सरकार बनी. उसके बाद साल 2008 और फिर 2018 में भी मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने जीत दर्ज की तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी.

Last Updated : Nov 17, 2020, 10:55 PM IST

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