चूरू. प्रदेश की मंडावा और खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान कल 21 अक्टूबर को होगा. मंडावा विधानसभा की चुनावी सरगर्मियों और होने वाले परिणाम पर चूरू जिले के लोगों की पूरी नजर है.
इसकी खास वजह है कि झुंझुनू जिले की मंडावा सीट चूरू की पड़ोसी सीट है. वहीं दूसरा बड़ा कारण है इस सीट पर चूरू के बीजेपी और कांग्रेस के दो दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. इन नेताओं में भाजपा के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और कांग्रेस से पूर्व विधायक व मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष मकबूल मंडेलिया का नाम शामिल हैं.
मंडावा और खींवसर विधानसभा सीट पर चुनावी दंगल इन दोनों ही नेताओं को अपनी-अपनी पार्टी की ओर से चुनाव में खास जिम्मेदारी सौंपी गई थी. बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ जहां मंडावा सीट के उपचुनाव में पार्टी के प्रभारी रहे तो वहीं कांग्रेस के मंडेलिया को बिसाऊ सहित कई अल्पसंख्यक बहुमत वाले इलाकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
दोनों नेता रहे बेहद सक्रिय...
इस चुनाव में चूरू के यह दोनों ही नेता बेहद सक्रिय रहे. राजेंद्र राठौड़ प्रभारी होने के नाते ज्यादातर समय मंडावा क्षेत्र में रहे. इतना ही नहीं चूरू बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता इस चुनाव में जनसंपर्क के लिए मंडावा गए. चूरू जिला प्रमुख हरलाल सहारण, प्रदेश प्रवक्ता ओम सारस्वत, चूरू भाजपा जिलाध्यक्ष पंकज गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष वासुदेव चावला, बसंत शर्मा पूरे चुनाव के दौरान मंडावा में सक्रिय रहे.
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इसी तरह कांग्रेस के रफीक मंडेलिया मंडावा सीट के बिसाऊ सहित कई अल्पसंख्यक बहुमत वाले इलाकों में सक्रिय रहे. इतना ही नहीं उन्होंने चूरू में भी कार्यकर्ताओं की कई बार इस चुनाव को लेकर बैठकें ली. वहीं ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मंडावा में प्रचार करने की कमान सौंपी.
चूरू में कई बार आमने सामने हो चुके यह दिग्गज...
चूरू की राजनीति में बीजेपी में राठौड़ का तो कांग्रेस में मंडेलिया का बड़ा नाम है. चुनाव के दौरान यह दोनों ही नेता प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कई बार आमने-सामने हो चुके है. हालांकि बाजी हर बार राजेंद्र राठौड़ के नाम रही है. 2013 के विधानसभा चुनाव में चूरू से बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ कांग्रेस के मकबूल मंडेलिया को चुनाव हरा चुके है तो वहीं 2019 के चुनाव में राठौड़ ने मंडेलिया के पुत्र रफीक मंडेलिया के सामने जीत दर्ज कर चुके हैं.
इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मंडेलिया के पुत्र रफीक मंडेलिया सांसद राहुल कस्वां के सामने चुनाव हार चुके है. इससे पहले मंडेलिया खुद भी लोकसभा का चुनाव हार गए थे. मंडावा सीट पर हुए उपचुनाव में बाजी किसके हाथ लगेगी और मेहनत किसकी रंग लाएगी, यह चुनाव परिणाम के बाद में ही पता चल सकेगा.