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चित्तौड़गढ़: कोरोना के चलते समय से पहले पूरा हुआ अफीम का तौल, आखरी दिन प्रथम खंड में 184 किसानों का हुआ तौल - चित्तौड़गढ़ में अफीम का तौल

चित्तौड़गढ़ में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से एक खंड का अफीम तौल कार्य मंगलवार को संपन्न हो गया. इस खंड में मंगलवार तक 5129 किसानों ने 40590.44 किलो अफीम का तौल करवाकर विभाग को सौंपी है.

Corona in Chittorgarh
कोरोना के चलते समय से पहले पूरा हुआ अफीम का तौल

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Published : Apr 27, 2021, 8:37 PM IST

चित्तौड़गढ़.जिले में मंगलवार को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से एक खंड का अफीम तौल कार्य संपन्न हो गया है. इस खंड में मंगलवार तक 5129 किसानों ने 40590.44 किलो अफीम का तौल करवाकर विभाग को सौंपी है. इसके बदले में विभाग ने कुल पांच करोड़ 81 लाख 83 हजार 100 रुपए का भुगतान किया है.

वहीं खण्ड द्वितीय की अफीम का तौल सोमवार को पूरा हुआ तो खण्ड तृतीय के अफीम किसानों का तौल दो दिन पूर्व ही पूरा हो गया था. बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते विभाग ने ओवन पद्धति के स्थान पर मैन्युल (हाथ से) अफीम जांच के आदेश दिए थे. ऐसे में अफीम तौल का कार्य तय कार्यक्रम से पहले ही पूरा हो गया.

जानकारी अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक अफीम के लाइसेंस चित्तौड़गढ़ जिले में हैं. ऐसे में अफीम की फसल की देख-रेख को लेकर तीन खण्ड बनाए गए हैं. केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग के खंड प्रथम की ओर से गत 7 अप्रैल से जारी अफीम तौल कार्य मंगलवार को पूरा हो गया. इस खंड की ओर से रविवार को अंतिम दिन 27 गांवों के 184 किसानों की 1200 किलो अफीम का तौल हुआ. साथ ही आज 184 किसानों को 13 लाख 66 हजार का भुगतान किया गया.

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इसके अलावा खंड प्रथम के अधीन आने वाली पांच तहसीलों चित्तौड़गढ़, भदेसर, कपासन, वल्लभनगर मावली के कुल 5129 किसानों ने 40590.44 किलो की अफीम का तौल कराया. इससे पूर्व सोमवार को द्वितीय खंड का तौल कार्य खत्म हुआ. वहीं 25 अप्रैल को तृतीय खंड तौल कार्य खत्म हो चुका है. तीनों खंडों में किसानों ने अपनी कुल 1138.2968 क्विंटल अफीम जमा की है.

तृतीय खंड में जमा अफीम सब नीमच फैक्ट्री भिजवा दी गई है. इसके अलावा प्रथम और द्वितीय खंड के अफीम को सेंट्रल गोदाम में रखा गया है. इधर, अफीम तौल का कार्य पूरा होने के बाद किसानों ने भी राहत की सांस ली है.

इधर, फिर उठी किसानों को न्याय दिलाने की मांग

अफीम खेती से जुड़े किसानों को न्याय दिलाए जाने की मांग को लेकर नारकोटिक्स कन्ट्रोलर नई दिल्ली, आयुक्त ग्वालियर और उपायुक्त कोटा को ज्ञापन सौंपा गया है। भारतीय अफीम किसान विकास समिति के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट, शंकरलाल मेघवाल ने बताया कि अफीम एक औषधी उत्पाद है. जिससे 400 प्रकार की जीवन रक्षक दवाइयां निर्मित होती हैं. उन्होंंने अधिकारियों को घटिया बोलते हुए कहा कि अफीम को सीपीएस मेथर्ड लागू करने से किसानों को और देश को आर्थिक नुकसान होगा. इसलिए सीपीएस मेथर्ड लागू नहीं कर तथ्यात्मक तथ्य के अनुरूप अफीम खेती की नीति पारदर्शी बना कर देश और किसानों को न्याय दिलाए जाने की मांग की है. ज्ञापन में वर्ष 1998 से 2020 तक काटे सभी अफीम पट्टे बहाल करने, 25 हजार रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से किसानों के खाते में पैसा डाले जाने, डोडा चुरा का 1500 रुपए प्रतिकिलो किसानों को देने के लिए सरकारी ठेका शुरू किए जाने, अफीम किसानों से जुड़े किसानों का अफीम बोर्ड बनाकर अफीम नीति 2021-22 बनाई जाने की मांग की है. साथ ही किसानों को न्याय नहीं मिलने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी गई है.

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