चितौड़गढ़.अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री भूमि पूजन करेंगे. यह पल वाकई में ऐतिहासिक होने वाला है. अयोध्या में साल 1990 और 1992 में कारसेवा शुरू हुई थी, इसमें चितौड़गढ़ जिले से भी काफी संख्या में कारसेवक पहुंचे थे और अपना योगदान दिया था. ये सभी राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या पहुंचे थे.
इनमें से कुछ का निधन हो गया हैं तो कइयों का भगवान श्रीराम के मंदिर बनते देखने का सपना पूरा हो रहा है. आज भी कई कार सेवकों के पास उस समय की यादें मौजूद हैं. वर्तमान समय में ये कार सेवक उस पल को याद कर और ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण का सपना सच होता देख भावुक हो रहे हैं. मंदिर के भूमि पूजन को लेकर जिले और जिला मुख्यालय पर भी कई आयोजन होंगे.
60 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचे थे अयोध्या
कार सेवा के दौरान चितौड़गढ़ जिले के बजरंग दल संयोजक श्यामलाल दोसाया के नेतृत्व में कारसेवकों का जुलूस निकाल कर अयोध्या के लिए कूच किया था. उन पलों को याद करते हुए श्यामलाल दोसाया ने बताया कि कारसेवा में जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह थे, तब 400 कारसेवक गए थे.
सभी यहां से पहले लखनऊ गए. उसके बाद गोंडा से अयोध्या 50 किलोमीटर दूर है. यह दूरी सभी ने पैदल चलकर 3 रात और 2 दिन में इसे पार किया. सभी कारसेवकों को सरयू पुलिया पर रोका जा रहा था. यहां गिरफ्तारियां दी जा रही थी. लेकिन हम 13 ने गिरफ्तारी नहीं दी और किसी तरह श्यामलाल दोसाया, बाबूलाल शर्मा, अशिवक्ता वृद्धिचंद जैन, जगदीश गंगवाल, रमेशचंद्र जड़िया आदि अयोध्या पहुंच गए.