चित्तौड़गढ़. जिले में गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष मानसून के कमजोर रहने के कारण जिले के अधिकांश जलाशय खाली रह गए. इसी के चलते आने वाले महीने में आमजन के लिए पेयजल और खेती में पानी की स्थिति गंभीर रह सकती है. इसके साथ ही छोटे-मोटे जलाशयों में पानी सूखने के कगार पर आ गए है.
इससे जलीय जीवों के जीवन खतरा मंडराने लगा है. कुछ ऐसा ही नजारा चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर घोसुंडा गांव में हनुमान मंदिर के समीप कृष्ण सरोवर तालाब में देखने को मिल रहा है. यहां काफी संख्या में बड़ी-बड़ी मछलियां हैं, जिनके जीवन पर संकट आ गया है.
विगत कई वर्षों से मानसूनी वर्षा अच्छे होने के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता बनी हुई थी, जिसके कारण इस तालाब में मछलियों की अच्छी खासी संख्या देखी जा सकती है. लेकिन इस वर्ष मानसून की बरसात कम होने के कारण तालाब में पानी अब सूखने के कगार पर आ गया है और इसमें हजारों की संख्या में मछलियों के जीवन पर भी संकट दिखाई देने लगा है.
शिकार पर रोक, जुड़ी है धार्मिक आस्था
जानकारी में सामने आया कि घोसुंडा के तालाब में मछलियों के शिकार पर रोक है. इसका कारण यह है कि तालाब की पहचान धार्मिक तालाब के रूप में है. यहां बालाजी सहित कई धर्मिकस्थल है. लोगों की यहां से धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है. ऐसे में यहां काफी बड़ी मछलियां है, जिनका शिकार जलीय पक्षी भी नहीं कर पाते.